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Google Meet में आए वर्चुअल बैकग्राउंड, बदल जाएगा ऑनलाइन मीटिंग करने का अंदाज

Google Meet में बीच और मंदीर के वर्चुअल बैकग्राउंड को जोड़ा गया है, जिसका इस्तेमाल यूजर्स ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कर सकते हैं।

Published By: Ajay Verma | Published: Feb 19, 2023, 03:47 PM (IST)

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Highlights

  • Google Meet में 360 डिग्री वाले वर्चुअल बैकग्राउंड को जोड़ा गया है।
  • यूजर इन बैकग्राउंड का इस्तेमाल ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कर सकते हैं।
  • कंपनी ने पिछले महीने वर्चुअल बैकग्राउंड को रोलआउट करने का ऐलान किया था।
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अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने पिछले महीने Meet ऐप में नई इमोजी के साथ 360 ड्रिग्री वर्चुअल बैकग्राउंड का सपोर्ट देने का ऐलान किया था। अब कंपनी ने एंड्रॉइड (Android) और आईओएस (iOS) यूजर्स के लिए वर्चुअल बैकग्राउंड को रोलआउट करना शुरू कर दिया है। यूजर्स इन बैकग्राउंड का इस्तेमाल ऑनलाइन मीटिंग के दौरान कर सकते हैं। news और पढें: Google I/0 2025: Google Gemini 2.5 Flash हुआ अपग्रेड, Meet और Gmail में आए नए फीचर

बैकग्राउंड फोन के इस सेंसर का करता है इस्तेमाल

गूगल के अनुसार, 360 डिग्री वर्चुअल बैकग्राउंड फोन के जाइरोस्कोप का इस्तेमाल करता है। कंपनी का कहना है कि यह फीचर बहुत उपयोगी है, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह अन्य यूजर्स को मीटिंग के दौरान तब विचलित कर सकता है, जब बैकग्राउंड इस्तेमाल करने वाला यूजर मूव करेगा। news और पढें: Google Meet में जुड़ा काम का फीचर, कॉन्फ्रेंस के दौरान वीडियो में ऐड कर सकेंगे फिल्टर

मिलेंगे कई शानदार बैकग्राउंड

मौजूदा वक्त में गूगल मीट पर बीच और मंदीर के वर्चुअल बैकग्राउंड को जोड़ा गया है। कयास लगाएं जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कई और बैकग्राउंड को प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जाएगा। news और पढें: Google Meet पर कैसे सुधारें वीडियो कॉल की क्वालिटी, जनिए आसान तरीका

कब तक मिलेगा वर्चुअल बैकग्राउंड

मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो वर्चुअल बैकग्राउंड फिलहाल चुनिंदा यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं। उम्मीद है कि मार्च के अंत तक सभी स्टेबल यूजर्स इन वर्चुअल बैकग्राउंड का इस्तेमाल कर पाएंगे।

नया API हुआ लॉन्च

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टेक ब्रांड गूगल ने इस महीने की शुरुआत में Credential Manager का नया वर्जन रोलआउट किया था। इस नए API की सहायता से ऐप्लिकेशन डेवलपर्स लॉग-इन प्रोसेस को आसान बना सकते हैं। कंपनी का मानना है कि इससे निजी डेटा के लीक होने की संभावना बहुत कम होगी और यूजर आसानी से किसी भी ऐप्लिकेशन में साइन-अप कर सकेंगे।

कंपनी ने बताया कि यह एपीआई अलग-अलग साइन-अप मेथड को सपोर्ट करता है। इसके अलावा, यह लॉग-इन इंटरफेस को भी आसान बनाता है, जिससे यूजर्स आसानी से किसी भी ऐप में लॉग-इन कर सकते हैं। इससे पहले शेयरिंग फीचर रिलीज किया गया था, जिसके जरिए यूजर प्रजेंटेशन के दौरान कंटेंट शेयर कर सकेंगे। यह कंटेंट वर्चुअल मीटिंग में जुड़े सभी यूजर्स को दिखाई देगा।