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DoT ने 5000 फर्जी SIM कार्ड किए बंद, आपराधिक गतिविधि में थे शामिल

Fake SIM Card Fraud: टेलीकॉम डिपार्टमेंट और बिहार पुलिस ने 5,000 फर्जी सिम कार्ड को बंद कर दिया है। इन सिम कार्ड के जरिए आपराधिक गतिविधियां की जा रही थी। हर जिले में सिम कार्ड इश्यू करने से पहले जरूरी वेरिफिकेशन करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

Published By: Harshit Harsh | Published: May 12, 2023, 03:51 PM (IST)

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Highlights

  • DoT ने बिहार में फर्जी सिम कार्ड के रैकेट का पता लगाया है।
  • बिहार पुलिस और टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने 5000 फर्जी सिम कार्ड बंद किए हैं।
  • 2 हजार से ज्यादा PoS (प्वाइंट ऑफ सेल) सेंटर को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है।
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DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम) के आदेश पर बिहार पुलिस ने राज्य में चल रहे बड़े फर्जी सिम कार्ड के रैकेट का पता लगाया है। पुलिस ने 2,387 सिम कार्ड सेलिंग प्वाइंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वहीं, बिहार-झारखंड टेलीकॉम सर्किल में कुल 5,000 मोबाइल नंबर भी बंद किए गए हैं। टेलीकॉम डिपार्टमेंट को इन सिम कार्ड के जरिए आपराधिक गतिविधियों चलाने की सूचना मिली थी। बिहार-झारखंड टेलीकॉम सर्कल में DoT के स्पेशल डायरेक्टर जनरल टेलीकॉम ने स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि बिहार और झारखंड के 5,000 मोबाइल नंबर बंद किए गए है, जिनका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। news और पढें: SIM Card New Rule: सिम कार्ड खरीदने के लिए आया नया नियम, जानें हर डिटेल

2387 PoS हुए ब्लैकलिस्ट

अपने स्टेटमेंट में DoT के स्पेशल डायरेक्टर ने कहा कि 2,387 प्वाइंट ऑफ सेल्स (PoS) के सिम कार्ड को ब्लैकलिस्ट किया गया है। DoT ने मोबाइल ऑपरेटर्स को एक सप्ताह में इन सिम कार्ड्स को बंद करने का निर्देश जारी किया और इनसे होने वाले आपराधिक गतिविधियों के बारे में बताया। टेलीकॉम ऑपरेटर्स इन फर्जी PoS के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

बिहार पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) के कहा कि DoT द्वारा की गई जांच के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। EOU इसमें शामिल अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। इसके संबंध में बिहार पुलिस ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी कर दिया है और रिटेल डीलर्स को SIM कार्ड रजिस्ट्रेशन के सभी मापदंडों का पालन करने के लिए कहा है।

सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल

पुलिस अब इस मामले में लोगों के फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए इश्यू कराए गए सिम कार्ड के मिसयूज के एंगल की जांच कर रही है। पुलिस को आशंका है कि इन फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर क्राइम के लिए किया गया होगा। इसके अलावा सभी जिले के एसपी को आदेश दिया गया है कि वो सिम कार्ड खरीदने में इस्तेमाल किए जाने वाले डॉक्यूमेंट्स को मॉनिटर करे और उसकी जांच करे।

ADG ने यह भी बताया कि पड़ोस के राज्यों की पुलिस से भी इस मामले में संपर्क किया जा रहा है। कहीं इन अपराधियों ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके बिहार के बाहर भी SIM कार्ड तो इश्यू नहीं करवाया है?

पहले भी 2.25 लाख नंबर हुए डिएक्टिव

इससे पहले DoT ने अप्रैल के महीने में बिहार और झारखंड के 2.25 लाख मोबाइल फोन नंबर डिएक्टिवेट किए हैं। इन सिम कार्ड को फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर इश्यू कराया गया था। टेलीकॉम कंपनियों ने इस मामले में 517 PoS रिटेलर्स को ब्लैकलिस्ट किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के कई जिलों में इस मामले में FIR दर्ज कराए गए हैं।

DoT इन दिनों साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए भारत के करीब 87 करोड़ सिम कार्ड सब्सक्राइबर्स का फेसियल वेरिफिकेशन कराया जा चुका है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए केन्द्र सरकार की एडवांस कम्प्यूटिंग सेंटर डेवलपमेंट के साथ साझेदारी की गई है। बिहार और झारखंड के 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स का फेशियल डेटा की जांच की जा चुकी है।