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YouTube चुपचाप कर रहा Shorts पर एक्सपेरिमेंट, बिना बताए AI कर रहा है आपकी वीडियो एडिट!

YouTube चुपचाप Shorts पर AI की मदद से एक्सपेरिमेंट कर रहा है और कई क्रिएटर्स हैरान हैं कि उनकी वीडियो बिना बताए एडिट हो रही हैं। कंपनी का कहना है कि इसका मकसद वीडियो क्वालिटी बेहतर बनाना है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं क्या बिना बताए कंटेंट बदलना सही है? आइए जानते हैं पूरा मामला।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Aug 26, 2025, 12:54 PM (IST)

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news और पढें: Instagram के बाद अब YouTube ला रहा है ऑटो लिप-सिंक फीचर, डब वीडियो अब होंगे और भी नेचुरल

YouTube लगातार AI को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसने क्रिएटर्स को चौंका दिया। दरअसल कई यूट्यूबर्स ने देखा कि उनकी शॉर्ट्स वीडियो बिना उनकी जानकारी के एडिट हो रही हैं। जब एक क्रिएटर ने इस बारे में सवाल किया, तो सामने आया कि YouTube वास्तव में एक AI एक्सपेरिमेंट चला रहा है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए वीडियो को बेहतर बनाने की कोशिश हो रही है लेकिन इसकी जानकारी पहले क्रिएटर्स को नहीं दी गई। इस वजह से सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिना बताए किसी के कंटेंट से छेड़छाड़ करना सही है। news और पढें: YouTube क्रिएटर्स के लिए खुशखबरी, टर्मिनेट हुए चैनल्स को मिलेगा नया मौका!

शिकायत के बाद खुला राज

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, एक क्रिएटर ने सबसे पहले नोटिस किया कि उसकी वीडियो इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अलग दिख रही है। इसके बाद कई लोगों ने ऐसी शिकायत की। मामले पर सफाई देते हुए YouTube के क्रिएटर लायजन रेने रिची ने ‘X’ पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि कंपनी ने वीडियो को अपस्केल या बड़े स्तर पर एडिट नहीं किया, बल्कि मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके उन्हें साफ और बेहतर दिखाने की कोशिश की गई। यानी वीडियो को अनब्लर करना, नॉइज कम करना और क्लैरिटी बढ़ाना ही इसका मकसद था। हालांकि क्रिएटर्स का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी पहले मिलनी चाहिए थी news और पढें: MrBeast की चेतावनी, AI Video से Youtube क्रिएटर्स को सबसे ज्यादा खतरा

अब टेक्स्ट से बनेगा पूरा वीडियो

यह मामला इसलिए भी बड़ा है क्योंकि YouTube अब AI का इस्तेमाल सिर्फ एडिटिंग तक सीमित नहीं रख रहा। कंपनी जल्द ही अपने शॉर्ट्स प्लेटफॉर्म में Google के Veo 3 AI मॉडल को इंटीग्रेट करने वाली है। इस मॉडल की मदद से सिर्फ टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डालकर पूरा वीडियो बनाया जा सकेगा। यानी स्क्रिप्ट लिखने और शूटिंग करने की झंझट काफी हद तक खत्म हो जाएगी। यूट्यूब के CEO नील मोहन ने हाल ही में एक इवेंट में इसकी जानकारी दी थी। माना जा रहा है कि यह फीचर इस साल के अंत तक शुरू हो सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह बदलाव क्रिएटर्स की मेहनत और कमाई पर असर डालेगा।

क्रिएटर्स की कमाई और भरोसा दांव पर

YouTube का कहना है कि Shorts को रोजाना 200 अरब से ज्यादा व्यूज मिलते हैं और इससे क्रिएटर्स को अच्छी-खासी कमाई होती है। लेकिन अगर AI क्रिएटेड कंटेंट ज्यादा आने लगा तो यह मॉडल बदल सकता है। क्रिएटर्स को डर है कि कहीं उनकी पहचान और मेहनत AI के साये में दबकर न रह जाए। साथ ही बिना बताए कंटेंट में बदलाव करने पर प्लेटफॉर्म पर भरोसा कम हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि YouTube अपने AI प्रयोगों के बारे में पहले से क्रिएटर को बताए, ताकि कम्युनिटी के साथ विवाद और नाराजगी न बढ़े। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी क्रिएटर्स और AI के बीच संतुलन कैसे बनाती है।