
3D Printing टेक्नोलॉजी का अस्तित्व काफी पहले आ चुका है और अब दुनिया के सामने पहली बार 3D-Printed Rocket स्पेस में उड़ान भरने को तैयार है। 111 फीट लंबे इस रॉकेट को बुधवार को उड़ान भरनी थी, लेकिन अंतिम समय में इसकी लॉन्चिंग को स्थगित कर दिया गया है और अब अगली लॉन्चिंग शनिवार को होगी। अमेरिका बेस्ड स्टार्टअप Relativity Space ने 3D Print टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके ये रॉकेट तैयार किया गया है।
फ्लोरिडा से बीते बुधवार को इस 3D-Printed Rocket को उड़ान भरनी थी और 3-4 घंटे लॉन्चिंग विंडो पर रहने के बाद अचानक आखिरी मिनट में इसकी लॉन्चिंग को टाल दिया गया। दरअसल, लॉन्चिंग से चंद मिनट पहले फ्यूल टैम्प्रेचर से संबंधित समस्या आने पर लॉन्चिंग को स्थगित कर दिया गया है। स्टार्टअप ने अब इसकी लॉन्चिंग को शनिवार दोपहर 1-4 बचे के बीच लॉन्चिंग की तैयारी की है।
3D-Printed Rocket की लॉन्चिंग को लेकर दुनियाभर की निगाहें ठिकी हैं। 3D प्रिंटिंग तकनीक से तैयार किए गए इस रॉकेट की लागत बहुत ही कम है। इस रॉकेट का नाम Terran 1 रॉकेट है। इससे पहले भी रॉकेट की लागत कम करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी Space X ने Falcon 9 रिबूस्टर रॉकेट को तैयार किया गया है।
इस रॉकेट का 85 प्रतिशत फेब्रिकेटेड 3D टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है। इसमें कुछ मैटेरियल रिसाइकिल करके तैयार किया गया है और यह लागत के मद्देनजर भी सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है।
कागज पर प्रिंट करने वाली मशीन से काफी अलग 3D प्रिंटिंग होती है। इस प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी की मदद से किसी भी ऑब्जेक्ट को तैयार किया जा सकता है। इतना नहीं भवन आदि का भी निर्माण किया जा सकता है। 3D Printing टेक्नोलॉजी से आर्ट एंड क्राफ्ट कंस्ट्रक्शन, चिकित्सा संबंधित सामान और फैशन जगत से संबंधित सामान को तैयार किया जा सकता है। 3D प्रिंटिंग की प्रिक्रिया में Computer-Aided-Design (CAD) फाइल को प्रिंट करना होता है।
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Author Name | Rohit Kumar
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