
उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें भारतीय नागरिकों की पहचान चुराकर सिम कार्ड जारी किए गए और उनका इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया गया। पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट ने लोगों के आधार और पैन कार्ड की जानकारी धोखे से हासिल कर सैकड़ों सिम कार्ड एक्टिवेट किए। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल विदेशी अपराधी खासकर थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में कर रहे थे। इन सिम कार्ड्स से भेजे गए OTP के जरिए वॉट्सऐप अकाउंट्स एक्टिवेट किए गए, जिससे ऑनलाइन ठगी और मानव तस्करी (human trafficking) जैसे अपराधों को अंजाम दिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी विपिन ने बिना बताए कई लोगों के आधार से सिम कार्ड एक्टिवेट करवाए। ये सिम उसके साथी विदेश में बैठे अपराधियों तक पहुंचाते थे। दूसरा आरोपी, सचिन कुमार, एक टेलीकॉम कंपनी का पॉइंट ऑफ सेल एजेंट था, जो ग्राहकों को यह कहकर गुमराह करता था कि तकनीकी समस्या के कारण उनका सिम जारी नहीं हो सका, जबकि असल में वह पहले ही उनकी पहचान से कई सिम एक्टिवेट कर चुका होता था।
सचिन कुमार ने पुलिस के अनुसार 1000 से ज्यादा सिम एक्टिवेट किए और अपने साथियों को दिए। दो महिलाएं, हुमा और अंतरफा, जो उत्तराखंड से हैं, उन्होंने सचिन से 1700 से ज्यादा सिम लिए। ये महिलाएं अंतरराष्ट्रीय वॉट्सऐप ग्रुप्स में शामिल थीं, जहां ऑनलाइन नौकरी के नाम पर ठगी सिखाई जाती थी। वे हर OTP के बदले 80 से 100 रुपये तक कमाती थीं। उन्हें ये सिखाने वाला मोहसिन नामक आरोपी था, जो पहले से जेल में है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं, तो ‘Sanchar Saathi‘ पोर्टल पर जाएं। पोर्टल के Citizen Centric Services सेक्शन में जाकर “Know Mobile Connections in Your Name” ऑप्शन चुनें। फिर अपना मोबाइल नंबर डालकर OTP से लॉगिन करें। वहां आपके नाम पर जारी सभी सिम कार्ड्स की लिस्ट मिल जाएगी। अगर कोई अनजान नंबर दिखे, तो आप तुरंत उसे ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा कभी भी अपना आधार या पैन नंबर किसी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट पर शेयर न करें।
Author Name | Ashutosh Ojha
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