
सरकार अगले 15 दिनों में Digital India Bill पब्लिक कंसल्टेशन के लिए लाने वाली है। काफी लंबे समय से डिजिटल इंडिया बिल को लाए जाने की तैयारी की जा रही है। सरकार इस बिल में नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कम्प्युटिंग को जोड़ने की तैयारी में है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, इसे अगले 15 दिनों में पब्लिक कंसल्टेशन के लिए लाया जा सकता है। इस रेगुलेशन में टेक्नोलॉजी कंपनियों और स्टेक होल्डर्स को ग्राहकों को बताना होगा कि वो उनके डेटा का कैसे इस्तेमाल करेगी।
ET Telecom की रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल इंडिया बिल के लिए इस महीने की शुरुआत में लीगल और इंडस्ट्री लीडर्स से फ्रेश कंसल्टेशन किया गया है। एक्सपर्ट्स से सलाह लेने के बाद इस ऐक्ट को फीडबैक के लिए पब्लिक के पास लाया जाएगा। सरकार ने मार्च से इसे देश के कई शहरों में मौजूद एक्सपर्ट्स के पास राय लेन के लिए भेजा था। पहले इसे इस महीने लाया जाना था लेकिन इसे लीगल और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से फ्रेश कंसल्टेशन के लिए भेजा गया था।
MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री) इस नए बिल में बढ़ रहे टेक्नोलॉजी बेस्ड अपराधों को रोकने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत मशीन लर्निंग जैसे नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी को शामिल किया है। डिजिटल दुनिया में ग्राहकों को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें डेटा और आइडेंटिटी चोरी शामिल है।
पिछले कुछ साल में भारत में साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिसे देखते हुए सरकार IT Act 2000 में बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। नए बिल ड्राफ्ट में सरकार न्यू एज टेक्नोलॉजी से संबंधित अपराधों और चाइल्ट सेक्सुअल अब्यूजिव मटीलियल, अनऑथोराइज्ड डिजिटल यूज, आईडी थेफ्ट को रोकने का प्रावधान रखा है।
इस नए बिल में OTT यानी ओवर द टॉप पर दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट को भी ध्यान में रखा जाएगा। इससे पहले MeitY ने डेटा प्रोटेक्शन बिल भी लाने की तैयारी में है, जिसे नवंबर 2022 में पब्लिक कंसल्टेशन के लिए लाया गया था। इसे इस साल मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है।
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