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Chandrayaan 3 की लैंडिंग में AI का दिखेगा दम, ISRO बिना कमांड के कराएगा लैंड

Chandrayaan 3 का विक्रम लैंडर आज शाम चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंड कर सकता है। ISRO इस बार चंद्रयान-2 वाली गलती नहीं दोहराएगा। इसके विक्रम लैंडर को AI बेस्ड एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया है, जो इसे चांद की सतह पर सॉफ्ट और सुरक्षित लैंडिंग कराएगा।

Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Aug 23, 2023, 12:28 PM (IST)

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Highlights

  • Chandrayaan 3 के जरिए ISRO आज इतिहास रच सकता है।
  • चंद्रयान 3 का लैंडर बिना ISRO के कमांड के सतह पर उतरेगा।
  • इसके लिए AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा।
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Chandrayaan 3 के लिए आज अहम दिन है। इसका विक्रम लैंडर शाम 18:04 बजे की सतह पर उतरेगा। भारत के चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की नजर है। चंद्रयान-2 मिशन आखिरी क्षण में फेल होने की वजह से ISRO इस बार फूंक-फूंक के कदम रख रहा है। भारत ही नहीं, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के लिए दुआओं का दौर चल रहा है। बता दें चंद्रयान-3 के लैंडर के चांद पर उतरने के समय ISRO धरती से कोई कमांड नहीं दे पाएगा। इसमें मौजूद लैंडर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटर लॉजिक का इस्तेमाल करके चांद की सतह पर लैंड करेगा। news और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?

ISTRAC से होगी मॉनिटरिंग

ISRO अपने बेंगलुरू स्तिथ कमांड सेंटर (ISTRAC) से विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतरने की घटना को मॉनिटर करता रहेगा। 23 अगस्त की शाम 17:47 बजे से लेकर 18:04 बजे के दौरान ISRO लैंडर को कोई कमांड नहीं दे पाएगा। इस दौरान लैंडर अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कम्प्यूटर लॉजिक बेस्ड समझ का इस्तेमाल करते हुए चांद की सतह पर उतरेगा। लैंडिंग की प्रक्रिया पूरी करने के लिए इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड प्रोग्रामिंग की गई है, जो इसे सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करने में मदद करेगा। news और पढें: Free Fire Max में Royale Voucher और Akatsuki Motorcycle मिल रही Free, पाने के लिए करें ये काम

होगी सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग

ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा है कि Chandrayaan 3 का कोर इसमें मौजूद सेंसर्स हैं। जब आप इतनी दूर से कुछ ऑपरेट कर रहे होते है, तो आपको सेंसर पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसके जरिए इसके लोकेशन, स्पीड, ऑरिएंटेशन की निगरानी की जाएगी। हर चीज के लिए इसमें अलग-अलग सेंसर्स लगे हैं। इसमें वेलोसीमीटर और अल्टीमीटर्स लगें हैं, जो लैंडर की ऊंचाई के साथ-साथ गति के बारे में जानकारी पहुंचाएगा। इसके अलावा चंद्रयान-3 में हैजर्ड अवाइडेंस कैमरा लगा है, जो इनर्सिया (जड़त्व) पर बेस्ड कैमरा है।

इसरो चैयरमैन के मुताबिक, इसमें डिजाइन किए गए कम्प्यूटर एल्गोरिदम के जरिए लैंडर की पोजीशन के बारे में पता चलता रहेगा। इसे इसरो ने एक्सटेंसिविली टेस्ट किया है। इसरो ने लैंडर में ऐसे कम्प्यूटर एल्गोरिदम के जरिए डिजाइन किया है कि यह सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल होगा।