
Netflix, Disney+ Hotstar, Amazon Prime Video जैसे OTT प्लेयर्स को सरकार ने बड़ी राहत दी है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम बिल से इन प्लेयर्स,ऐप्स आदि को रेगुलेट करने वाले प्रावधान को हटा लिया है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से OTT प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ WhatsApp, Signal, Telegram, Messenger जैसे इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स को भी राहत मिली है। टेलीकॉम कंपनियां इन ऐप्स को रेगुलेट करने के लिए सरकार पर दबाब बना रहीं थी। दूरसंचार विभाग भारतीय टेलीग्राफ ऐक्ट में किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती है। DoT का मानना है कि इसमें OTT की नई परिभाषा की जरूरत नहीं है।
ET Telecom की रिपोर्ट के मुताबिक, DoT के एक अधिकारी का कहना है कि फिलहाल OTT को रेगुलेट करने की मंशा नहीं है। भारतीय टेलीग्राफ ऐक्ट में टेलीग्राफ की परिभाषा अपने आप पर्याप्त है। इसमें OTT को अलग से परिभाषित करने की जरूरत नहीं है। भारतीय टेलीग्राफ ऐक्ट के मुताबिक, टेलीग्राफ का मतलब कोई अप्लायंस, इंस्ट्रूमेंट, मटीरियल जिसके जरिए साइन, सिग्नल, लिखित, फोटो और साउंड या इंटेलिजेंस, विजुअल या अन्य इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक आइटम है।
नए टेलीकॉम बिल में टेलीग्राफ का नाम बदला जाना था, जिसकी वजह से इसका मतलब भी बदल जाता। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस नए टेलीकॉम बिल को पेश करने वाली है। इस बिल का ड्राफ्ट पूरा कर लिया गया है। पहले आई रिपोर्ट में MeitY ने OTT प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने का सुझाव दिया था। MeitY ने ब्रॉडकास्टिंग ऐप्स जैसे कि Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, Zee5, JioCinema, SonyLIV के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) को नोडल ऑथिरिटी के तौर पर काम करने का सुझाव दिया था।
हालांकि, MeitY जल्द Digital India Act लाने की तैयारी में है। इस ऐक्ट में OTT ऐप्स को रेगुलेट करने का प्रावधान दिया जा सकता है। OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट्स पर नजर रखने के लिए MIB को नोडल बॉडी बनाया जा सकता है। टेलीकॉम बिल में OTT प्लेयर्स को रेगुलेट नहीं करने से इन प्लेटफॉर्म्स को राहत मिल सकती है।
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