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UPI Pin भूल गए तो भी नो-टेंशन, अब फेस व फिंगरप्रिंट से कर सकेंगे पेमेंट

क्या आप भी UPI PIN भूल जाते हैं और पेमेंट करते समय परेशान होते हैं? तो अब आप बिना PIN डाले सिर्फ अपने चेहरे या फिंगरप्रिंट से पेमेंट कर सकेंगे। आइए जानते हैं कैसे यह नया बायोमेट्रिक सिस्टम UPI को और आसान बना देगा। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 07, 2025, 07:11 PM (IST)

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भारत का सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम, UPI अब एक बड़े बदलाव के कगार पर है। रिपोर्ट्स के अनुसार 8 अक्टूबर से यूजर्स अपने UPI पेमेंट्स को फेस रेकग्निशन या फिंगरप्रिंट से ऑथराइज कर सकेंगे, PIN डालने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। यह नया बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन, जो आधार डेटा पर आधारित होगा, लेन-देन को तेज, आसान और अधिक सुरक्षित बनाने का वादा करता है। इसका उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को उन लोगों के लिए भी सरल बनाना है, जो पासवर्ड याद रखने या टचस्क्रीन पर कठिनाइयों का सामना करते हैं। news और पढें: कैसे बनाएं अपनी पसंद की UPI ID? यूजर्स को होगा फायदा ही फायदा

NPCI नया बायोमेट्रिक ऑप्शन क्यों ला रहा है?

NPCI यूजर्स के लिए नए तरीके पेश करने जा रहा है। इसमें यूजर्स अब पेमेंट करते समय फिंगरप्रिंट या फेस से पहचान देकर ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। NPCI इस फीचर को मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में पेश करने की योजना बना रहा है। यह बदलाव डिजिटल पेमेंट की दुनिया में बड़ा कदम साबित होगा, खासकर उनके लिए जो बिना छुए (contactless) और पासवर्ड के बिना (password-free) पेमेंट करना पसंद करते हैं।

आधार बायोमेट्रिक डेटा लेन-देन में कैसे काम करेगा?

इस नए सिस्टम में आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। आधार में पहले से ही फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैन (आईरिस) और चेहरे की पहचान (फेस डेटा) की जानकारी होती है। अब इन्हीं का यूज पेमेंट वेरिफिकेशन के लिए किया जाएगा। जब कोई यूजर UPI पेमेंट करेगा, तो उसे PIN डालने की बजाय अपना फिंगरप्रिंट या चेहरा स्कैन करना होगा। इससे पेमेंट जल्दी और सुरक्षित तरीके से पूरा होगा क्योंकि बायोमेट्रिक डेटा आपकी पहचान से सीधे जुड़ा होता है और इसे कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल नहीं कर सकता।

बायोमेट्रिक पेमेंट सुरक्षित क्यों हैं और किसे फायदा होगा?

बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से UPI फ्रॉड को काफी हद तक कम किया जा सकता है। PIN की तरह इसे शेयर या चोरी करना मुश्किल है, इसलिए लेन-देन की सुरक्षा बढ़ जाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बदलाव सिनियर सिटीजन और ग्रामीण लोगों के लिए डिजिटल पेमेंट को आसान बनाएगा। हालांकि इस योजना की सफलता के लिए Privacy and Data Security बहुत जरूरी होगी क्योंकि इसमें आधार डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा, इसलिए यह जरूरी है कि डेटा को सुरक्षित तरीके से एन्क्रिप्ट किया जाए और यूजर की मंजूरी ली जाए। इससे यह तय होगा कि किसी का भी डेटा गलत हाथों में न जाए या बिना अनुमति के कोई उसका इस्तेमाल न कर सके।