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Uber का बड़ा कदम, 2027 तक सड़कों पर दौड़ेंगी 1 लाख सेल्फ-ड्राइविंग कारें

आने वाले समय में Uber की टैक्सियों में ड्राइवर नहीं होंगे, Uber ने एक बड़ा ऐलान किया है, कंपनी 2027 तक 1 लाख सेल्फ-ड्राइविंग कारें सड़कों पर उतारने की तैयारी में है। Nvidia के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट टैक्सी सर्विस की दुनिया में नई टेक क्रांति ला सकता है। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 29, 2025, 12:06 PM (IST)

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Uber अब अपने कारोबार को पूरी तरह से नए युग में ले जाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह Nvidia के साथ मिलकर 2027 तक 1 लाख सेल्फ-ड्राइविंग कारों का बेड़ा तैयार करेगी। यह फैसला Uber के लिए ऑटोमेशन की दिशा में सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अब तक Uber अपने लाखों ह्यूमन ड्राइवरों पर निर्भर रही है लेकिन यह नई पहल भविष्य में इस पूरे सिस्टम को बदल सकती है। इस प्रोजेक्ट के तहत Uber और Nvidia मिलकर पूरी दुनिया में रोबोटैक्सी (बिना ड्राइवर वाली टैक्सी) को आम बनाने की कोशिश करेंगे।

Nvidia और Stellantis इस प्रोजेक्ट में क्या भूमिका निभा रहे हैं?

यह पार्टनरशिप Nvidia के GTC कॉन्फ्रेंस में वॉशिंगटन डीसी में घोषित की गई। Nvidia ने इस मौके पर अपनी नई टेक्नोलॉजी Drive AGX Hyperion 10 प्लेटफॉर्म भी लॉन्च की, जो कार कंपनियों को सुरक्षित और स्मार्ट ड्राइविंग सिस्टम तैयार करने में मदद करेगी। इस परियोजना में Stellantis NV, जो Jeep और Peugeot जैसी कंपनियों की पैरेंट कंपनी है, Uber के लिए 5000 Nvidia-पावर्ड रोबोटैक्सी तैयार करेगी। हार्डवेयर और सिस्टम इंटीग्रेशन में Foxconn सहयोग करेगा। प्रोडक्शन 2028 तक शुरू होने की उम्मीद है। वहीं Uber इन गाड़ियों की पूरी निगरानी, चार्जिंग, सफाई, मेंटेनेंस और ग्राहक सेवा का जिम्मा संभालेगी।

Uber किस तरह करेगी सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग और डेटा कलेक्शन?

हालांकि बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन Uber जल्द ही पायलट प्रोग्राम और टेस्टिंग शुरू करने वाली है। कंपनी का लक्ष्य धीरे-धीरे परीक्षणों को बढ़ाकर दशक के अंत तक 1 लाख कारों का बेड़ा तैयार करना है। इसके लिए उबर एक ‘रोबोटैक्सी डेटा फैक्ट्री’ भी बना रही है, जहां से वह 3 मिलियन घंटे से अधिक ड्राइविंग डेटा इकट्ठा करेगी। यह डेटा Nvidia के AI मॉडल्स को और बेहतर बनाने में इस्तेमाल होगा। दोनों कंपनियां मिलकर एक ऐसा सिस्टम बना रही हैं जो डेटा एनालिसिस, सीनारियो टेस्टिंग और सिंथेटिक डेटा जेनरेशन के जरिए सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी को और सुरक्षित और सटीक बना सके।

उबर ड्राइवरों के लिए नई चुनौती

Uber के इस कदम से जहां कंपनी की ऑपरेटिंग कॉस्ट (खर्च) कम होगी, वहीं ह्यूमन ड्राइवरों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है। अभी Uber दुनिया भर में लाखों गिग वर्कर्स पर निर्भर है लेकिन लंबे समय से मुनाफा बनाए रखना मुश्किल रहा है। सेल्फ-ड्राइविंग टैक्सियां इस समस्या का हल बन सकती हैं बशर्ते कि यह टेक्नोलॉजी व्यावसायिक रूप से सफल हो और सरकारें इसकी मंजूरी दें। फिलहाल Uber के पास ऑस्टिन और अटलांटा जैसे शहरों में सीमित सेल्फ-ड्राइविंग टैक्सियां हैं, लेकिन Nvidia के साथ यह पार्टनरशिप Uber को एक वैश्विक स्तर पर रोबोटैक्सी नेटवर्क बनाने का मौका दे सकती है। आने वाले कुछ सालों में, यह कदम परिवहन क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकता है।