
Telecom Regulatory Authority of India (TRAI) ने फर्जी स्पैम कॉल से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए एक तगड़ा जुगाड़ निकाला है। जी हां, लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक ट्राई ने भारतीय मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर्स को Calling Name Presentation (CNAP) सर्विस शुरू करने का सुझाव दिया है। दरअसल, इस नई सर्विस के तहत जब भी आपके फोन पर कोई अनजान कॉल आएगी, तो उस दौरान आपके फोन की डिस्प्ले पर कॉलर का नाम व उससे जुड़ी डिटेल्स दिखने लगेंगी। आइए जानते हैं इस नई सर्विस से जुड़ी सभी डिटेल्स।
TRAI ने अपने ऑफिशियल X (Twitter) हैंडल के जरिए जानकारी दी है कि भारतीय टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को Calling Name Presentation (CNAP) सर्विस शुरू करने का सुझाव दिया गया है। जैसे कि नाम से समझ आता है कि इस नई सर्विस के जरिए जब भी आप को किसी अनजान नंबर से कॉल आएगी, तो आपको सिर्फ उसका फोन नंबर ही नहीं बल्कि उसका नाम व उससे जुड़ी अन्य डिटेल्स फोन स्क्रीन पर दिखने लगेंगी। इन डिटेल्स में कॉलर का नाम फोन के डिस्प्ले पर शो होगा।
Press Release No. 08/2024 regarding recommendations on ‘Introduction of Calling Name Presentation (CNAP) Service in Indian Telecommunication Network’.https://t.co/AzPZmiWrnD
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आपको बता दें, भारत में तेजी से फर्जी कॉल्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें फ्रॉड कॉल्स, स्पैम कॉल व टेलीकम्युनिकेशन जैसी कॉल्स शामिल होती हैं। पहले इस तरह की कॉल्स लैंडलाइन नंबर से आया करते थे, लेकिन अब स्कैमर्स ने इस तरह की वारदात को अंजाम देने के लिए असल दिखने वाले मोबाइल नंबर्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यूजर्स इन फर्जी कॉल्स को जैन्यून कॉल समझकर उठा लेते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसी वारदातों को रोकने के लिए TRAI टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
इसी कड़ी में अब यह नया Calling Name Presentation (CNAP) सुझाव पेश किया गया है। ट्राई ने यह सुझाव भारतीय टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल व वोडाफोन आइडिया को दिया है। ट्राई ने अपनी रिलीज में कहा है कि सभी सर्विस प्रोवाइड अपने टेलीफोन सब्सक्राइबर्स को उनके अनुरोध पर ही Calling Name Presentation (CNAP) सर्विस प्रोवाइड करें।
फिलहाल जो कॉन्टेक्ट नंबर हमारे फोन में सेव नहीं है उसकी जानकारी हमको Truecaller जैसे थर्ड पार्टी ऐप के जरिए प्राप्त होती है। हालांकि, Truecaller ऐप को इंस्टॉल करने से पहले हमारे फोन व कॉन्टेक्ट लिस्ट का एक्सेस इस ऐप को देना पड़ता है। इसके अलावा, इस ऐप को कई परमिशन देनी पड़ती है। इस तरह की परमिशन किसी ऐप को देने से प्राइवेसी का खतरा बरकरार रहता है और डेटा लीक रहना का डर सताता रहता है। ऐसे में नई सुविधा लागू होने के बाद से इस तरह के थर्ड-पार्टी ऐप पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Manisha
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