Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: May 13, 2023, 11:59 AM (IST)
TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों Airtel, Vi, Jio और BSNL को फर्जी कॉल्स और SMS पर लगाम लगाने के लिए 30 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इसके बारे में शुक्रवार 12 मई को रेगूलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश जारी किया है। पिछले कई महीनों से ट्राई को टेलीमार्केटिंग कंपनियों द्वारा टेम्पलेट के मिसयूज की शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद रेगूलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को इसे रोकने की सलाह दी थी। और पढें: Starlink सैटेलाइट इंटरनेट भारत में कब होगा शुरू? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताए देरी के कारण
TRAI ने अपने आदेश में बताया कि यह नोटिस किया गया है कि कुछ टेलीमार्केटर्स अपने कॉल्स और मैसेज के टेम्पलेट के साथ-साथ उसके कंटेंट का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। और पढें: Starlink लॉन्च फिर टला, सरकार ने स्पेक्ट्रम प्राइसिंग पर उठाए सवाल
अनसॉलिसेटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) लोगों की परेशानी और प्राइवेस के लिए बड़ा खतरा है, जिसे लेकर रेगूलेटर कई कदम उठा रहा है। शुक्रवार को प्राधिकरण ने इस तरह के मैसेज के गलत इस्तेमाल पर टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कंज्यूमर प्रिफरेंस रेगूलेशन्स, 2018 (TCCCPR-2018) के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। नियम के मुताबिक, मोबाइल नंबर के अलावा टेलीमार्केटिंग मैसेज में हेडर्स का डिस्प्ले होना जरूरी है। और पढें: TRAI ने सस्ते इंटरनेट के लिए पब्लिक Wi-Fi टैरिफ पर लगाया ब्रेक, अब सस्ते में मिलेगा डेटा
रेगूलेटर ने अपने आदेश में टेलीकॉम कंपनियों को कोड ऑफ प्रैक्टिस (CoPs) में बदलाव लाने के लिए कहा है। यूजर्स को भेजे जाने वाले टेलीमार्केटिंग मैसेज के कंटेंट टेम्पलेट्स TCCCPR 2018 के मुताबिक होने चाहिए। इसे लागू करने के लिए इन टेलीकॉम कंपनियों के पास 30 दिन का समय है।
TRAI का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि मैसेज टाइटल या हेडर्स ग्राहकों के बीच कंफ्यूजन पैदा कर रहे हैं। इसे कुछ कंपनियां गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकती हैं। CoPs में टेम्पलेट्स के वेरिएबल्स डिफाइंड नहीं हैं। इस टेम्पलेट के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कंटेंट टेम्पलेट्स में वेरिएबल्स को सीमित तरीके से तैयार करने की जरूरत है। नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों को इसे फिर से वेरिफाई करने के लिए कहा है और ब्लॉकचेन बेस्ड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को 30 दिनों के अंदर रजिस्टर कराने के लिए कहा है।
इसके लिए ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को एक ऑनलाइन प्रक्रिया तैयार करने के लिए कहा है ताकि मैसेज के लिए रिएक्टिव हेडर्स को अलग-अलग हेडर्स से अलग रखा जा सके। नियामक ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सभी कंटेंट टेम्पलेट्स को भी दोबारा वेरिफाई करने के लिए कहा है और इसके लिए 60 दिनों की समय-सीमा रखी गई है।
TRAI काफी लंबे समय से टेलीकॉम कंपनियों को टेलीमार्केटिंग मैसेज के टेम्पलेट को री-वेरिफाई करने के साथ-साथ फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए AI बेस्ड सिस्टम लाने के लिए कहा है। टेलीकॉम कंपनियां Airtel और Jio फिलहाल अपने इस नए कॉल्स और मैसेज फिल्टर को टेस्ट कर रहे हैं, जबकि वोडाफोन-आइडिया भी इसकी तैयारी में है।