
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 28, 2025, 06:26 PM (IST)
Starlink government restrictions
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Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink को भारत में काम करने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है। भारत की Space Regulatory Agency INSPACe ने Starlink को 5 साल के लिए लाइसेंस जारी किया है, जिसके तहत कंपनी भारत में स्पेस-बेस्ड इंटरनेट सेवा दे सकती है। हालांकि सरकार ने कुछ सख्त शर्तें भी रखी हैं। टेलीकॉम राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने जानकारी दी कि Starlink को सिर्फ 20 लाख ग्राहक जोड़ने की इजाजत दी गई है और अधिकतम इंटरनेट स्पीड 200 Mbps तक ही सीमित होगी। और पढें: Starlink लॉन्च फिर टला, सरकार ने स्पेक्ट्रम प्राइसिंग पर उठाए सवाल
सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि Starlink भारत की मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों जैसे BSNL, Jio और Airtel के लिए सीधा खतरा न बने। मंत्री ने कहा कि Starlink जैसी सैटकॉम सेवाएं खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में फोकस करेंगी, जहां इंटरनेट की सुविधा अभी भी सीमित है। उन्होंने यह भी बताया कि Starlink की सेवाओं की कीमत ज्यादा होगी शुरुआत में सेटअप लागत अधिक होगी और हर महीने करीब ₹3000 खर्च हो सकता है। इससे आम शहरी ग्राहक की तुलना में इसका इस्तेमाल सीमित लोगों तक ही रहेगा। और पढें: भारत में Starlink ग्राहक अब e-KYC वेरिफिकेशन के लिए Aadhaar का यूज कर सकेंगे, इंटरनेट का बदलेगा खेल
Elon Musk-led Starlink will be limited to 20 lakh connections in India, Union Minister Pemmasani Chandra Sekhar said Monday, downplaying its threat to BSNL and other telecom players. #PemmasaniChandraSekhar #Starlink #BSNL #TelecomIndia pic.twitter.com/cLaicQkWg5
— Orissa POST Live (@OrissaPOSTLive) July 28, 2025
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों के लिए 4% राजस्व शुल्क की सिफारिश की है। इसका मतलब है कि हर कंपनी को अपनी कमाई का 4 प्रतिशत सरकार को देना होगा। खास बात यह है कि अगर कोई कंपनी शहरी क्षेत्र में सेवा देती है, तो हर ग्राहक पर सालाना करीब ₹500 का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट को बढ़ावा मिलेगा।
Starlink को लाइसेंस तो मिल गया है, लेकिन अभी एक बड़ा फैसला बाकी है स्पेक्ट्रम की कीमत और सरकारी नियम तय करना। जब तक ये तय नहीं होते, Starlink की सेवाएं पूरी तरह शुरू नहीं की जा सकतीं। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने साफ किया है कि BSNL का 4G रोलआउट पूरा हो गया है और अभी किसी टैरिफ बढ़ोतरी की योजना नहीं है। सरकार का फोकस अभी मार्केट एक्सपेंशन और गांवों में इंटरनेट पहुंचाने पर है। ऐसे में Starlink को गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट का नया ऑप्शन माना जा रहा है, लेकिन फिलहाल सीमित दायरे में ही।