
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Aug 21, 2025, 02:24 PM (IST)
Elon Musk Starlink
Elon Musk की कंपनी Starlink अब भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के और करीब पहुंच गई है। कंपनी को अब ग्राहकों की आइडेंटिटी वेरिफिकेशन(KYC) के लिए आधार आधारित e-KYC करने की मंजूरी मिल गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 20 अगस्त को जानकारी दी कि स्टारलिंक को UIDAI ने Sub-AUA और sub-eKYC एजेंसी के रूप में ऑनबोर्ड कर लिया है। इसका मतलब यह है कि अब कंपनी मौजूदा AUA (Authentication User Agency) के जरिए ग्राहकों की आइडेंटिटी वेरिफिकेशन आसानी से कर सकेगी। मंत्रालय ने साफ किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह स्वैच्छिक (voluntary) होगी और ग्राहकों की सहमति से ही आधार का इस्तेमाल किया जाएगा। और पढें: Starlink सैटेलाइट इंटरनेट भारत में कब होगा शुरू? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताए देरी के कारण
Starlink काफी समय से भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करना चाह रही थी, लेकिन उसे लगातार नियमों और मंजूरियों में देरी का सामना करना पड़ा। कंपनी को इस साल ही भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) से आखिरी मंजूरी मिली थी। इसके बाद अब आधार आधारित e-KYC का अधिकार मिलना कंपनी के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। कंपनी को पहले Reliance Jio और Airtel जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों से भी सामना करना पड़ा। विवाद इस बात पर था कि सैटेलाइट कंपनियों को फ्रीक्वेंसी (स्पेक्ट्रम) कैसे और किस तरीके से आवंटित की जानी चाहिए। और पढें: Starlink लॉन्च फिर टला, सरकार ने स्पेक्ट्रम प्राइसिंग पर उठाए सवाल
सरकार ने हाल ही में सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी कंपनियों को भारत में ही लोकल डेटा स्टोरेज, ट्रैफिक मैनेजमेंट, घरेलू नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल और ब्लॉकिंग मैकेनिज्म लागू करना होगा। साथ ही उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ भी सहयोग करना होगा। Starlink ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वह भारतीय ग्राहकों का सारा नेटवर्क डेटा और ट्रैफिक देश के भीतर ही स्टोर करेगी। यही नहीं कंपनी को अभी भी कुछ काम पूरे करने होंगे जैसे ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना और सुरक्षा मानकों के मुताबिक टेस्टिंग करना। और पढें: Elon Musk की Starlink को झटका! सरकार ने लगाए सख्त नियम
Starlink भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले Bharti-backed Eutelsat OneWeb और Reliance Jio-SES को मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा Amazon Kuiper और Globalstar जैसी विदेशी कंपनियां भी भारत में लाइसेंस पाने की कोशिश कर रही हैं। माना जा रहा है कि Starlink की एंट्री से भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट का दायरा ग्रामीण और दूरदराज इलाकों तक बढ़ेगा। हालांकि अभी तक सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। इसलिए, जब तक दूरसंचार विभाग (DoT) नियम तय नहीं करता, तब तक सेवाओं की शुरुआत में थोड़ा और समय लग सकता है।