
Robotic Jellyfish की मदद से समुद्री पानी में बढ़ते प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, पृथ्वी पर धरती, पानी और आकश तीनों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में इस रोबोटिक्स जेलिफिश को तैयार करना, एक सराहनिय काम है। यह रोबोटिक्स जेलिफिश जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलीजेंट सिस्टम ने तैयार की है।
Robotic Jellyfish प्लैफ करने का काबिलियत रखते हैं और उसकी मदद से ही समुद्री पानी में मौजूद कबाड़ को भी निकालेंगे। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इन जेलीफिश का साइज का एक हथेली के बराबर है। साथ ही इसके लिए एक आर्टिफिशियल मसल तैयार किए हैं, जिसका नाम HASEL है।
इस जेलिफिश में चारों तरफ एक इलेक्ट्रोडेस से भरा हुआ बैग लगा है। जब इलेक्ट्रोडेस एक तरफ से दबाव जालते हैं तो तेल एक पैकेट से निकलकर दूसरे पैकेट में जाता है। ऐसे में यह रोबोटिक्स जैलिफिश आगे बढ़ती है। ऐसे में यह जेलिफिश पानी में मौजूद कूड़े के स्मॉल पार्टिकल को भी इकट्ठा कर लेती हैं।
रोबोटिक्स जेलिफिश का डिजाइन असली जेलिफिश की तरह है। समुद्री पानी में मौजूद असली जेलिफिश पानी में फ्लैप करती है और पोषण के लिए छोटे मोटे कीटों को खाती है। लेकिन रोबोटिक्स जेलिफिश किसी भी समुद्री जीव को नहीं खाते हैं।
Robotic Jellyfish सिर्फ समुद्री कचरा कम करने में मदद नहीं करेंगे, बल्कि यह समद्र के अंदर मौजूद जीवन पर भी शोध करने में मदद करेंगे। समुद्र के अंदर जटिल आइटम और कई समुद्री जीवों के अंडे इकट्ठे करने में मदद करेंगे।
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