Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 28, 2025, 11:13 AM (IST)
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने हाल ही में एक बड़े डेटा ब्रीच का खुलासा किया है, जिसमें करीब 183 मिलियन (18.3 करोड़) ईमेल अकाउंट्स और उनके पासवर्ड लीक हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह डेटा ब्रीच अप्रैल 2025 में हुआ था, लेकिन अब जाकर इसकी जानकारी सामने आई है। इसमें Gmail, Yahoo और बाकी ईमेल सर्विसेज के लाखों यूजर अकाउंट्स शामिल हैं। हैकर्स ने इस बार केवल ईमेल ID ही नहीं, बल्कि उनके पासवर्ड्स भी चुरा लिए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह घटना किसी सामान्य हैकिंग की नहीं, बल्कि ‘स्टीलर लॉग्स’ नामक मैलवेयर के जरिए हुई है, जो यूजर के कंप्यूटर में घुसकर पासवर्ड चोरी कर लेता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस डेटा लीक की जानकारी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ट्रॉय हंट और Synthient कंपनी के बेंजामिन ब्रुंडेज ने शेयर की है। उन्होंने कई स्रोतों जैसे क्रिमिनल मार्केटप्लेस, सोशल मीडिया, फोरम्स और टेलीग्राम से डेटा इकट्ठा किया। कुल मिलाकर 3.5 टेराबाइट (TB) का डेटा मिला, जिसमें से सबसे बड़ा फाइल 2.6TB का था। इस फाइल में लगभग 23 बिलियन एंट्रीज थीं, जो इसे हाल के वर्षों के सबसे बड़े डेटा ब्रीच में शामिल करती हैं। हैरानी की बात यह है कि 16.4 मिलियन अकाउंट्स पहले कभी किसी डेटा लीक में सामने नहीं आए थे, यानी ये नए यूजर्स हैं जिनके पासवर्ड अब उजागर हो गए हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर डेटा पहले से मौजूद पुराने लीक डेटाबेस से मिला है, लेकिन लाखों Gmail अकाउंट्स की पासवर्ड्स अभी भी एक्टिव हैं, जिन्हें लोग आज भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हैकर्स ने यूजर्स के सिस्टम में मैलवेयर डालकर उनके वेबसाइट लॉगिन डिटेल्स कैप्चर किए और बाद में उेन्हें बेच दिया। इसके अलावा क्रेडेंशियल स्टफिंग लिस्ट्स का भी इस्तेमाल किया गया है, यानी ऐसे पासवर्ड लिस्ट जो पहले लीक हो चुके थे और अब बाकी अकाउंट्स में दोबारा आजमाए जा रहे हैं। यह टेक्नोलॉजी बेहद खतरनाक है क्योंकि कई लोग एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनके बाकी अकाउंट्स भी हैक हो जाते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ये लीक हुआ डेटा अब ‘Have I Been Pwned’ वेबसाइट पर उपलब्ध है, जहां यूजर अपने ईमेल एड्रेस डालकर चेक कर सकते हैं कि उनका डेटा लीक हुआ है या नहीं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे तुरंत अपने ईमेल और सोशल मीडिया पासवर्ड बदलें, खासकर अगर वे एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल करते हैं। साथ ही टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है, ताकि किसी अनजान व्यक्ति को आपके अकाउंट तक पहुंच न मिल सके। यह डेटा ब्रीच इस बात की याद दिलाता है कि इंटरनेट पर सतर्क रहना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।