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सावधान! Malicious लिंक्स बने डेटा चुराने का सबसे बड़ा जरिया, रिपोर्ट से हुआ खुलासा

लेटेस्ट रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि हैकर्स ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा मैलिशियस लिंक का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, यूजर्स इन मैलिशियस लिंक के झांसे में आकर आसानी से इनपर क्लिक कर दें, इसके लिए वह कई नए तरीके निकाल रहे हैं। आइए जानते हैं पूरी रिपोर्ट।

Published By: Manisha

Published: Aug 16, 2023, 09:22 PM IST

Malicious links

Story Highlights

  • मैलिशियस लिंक भेजकर साइबर अटैक को अंजाम दे रहे हैकर्स
  • टॉप-ऑर्गेनाइजेशन बनकर लोगों को बनाते हैं निशाना
  • आइडेंटिटी फ्रॉड में भी हो रहा इजाफा

डिजिटल युग में हैकिंग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। मासूम लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए हैकर्स तरह-तरह के तरीके का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं तरीकों से जुड़ी लेटेस्ट रिपोर्ट सामने आई है। साइबर सिक्योरिटी फर्म Cloudflare की लेटेस्ट रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि हैकर्स ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा मैलिशियस लिंक का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, यूजर्स इन मैलिशियस लिंक के झांसे में आकर आसानी से इन पर क्लिक कर दें, इसके लिए वह कई नए तरीके निकाल रहे हैं। आइए जानते हैं पूरी रिपोर्ट।

साइबर सिक्योरिटी फर्म Cloudflare की लेटेस्ट रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि साइबर अटैक के लिए हैकर्स ज्यादातर इन दिनों मैलिशियस लिंक का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहा आकंड़ा 35.6 प्रतिशत तक का है। इन लिंक्स को हैकर्स मैसेज, ईमेल आदि के जरिए यूजर्स को भेजते हैं। बिना सोचे समझे इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक करना आपके लिए काफी खतरनाक साबिक होते सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मैलिशियस लिंक के साथ-साथ आइडेंटिटी फ्रॉड भी काफी बढ़ते जा रहे हैं। मई 2022 से लेकर मई 2023 के बीच ऐसे 39.6 मिलियन खतरों को डिटेक्ट किया गया है।

टॉप-ऑर्गेनाइजेशन बनकर लोगों को बनाते हैं निशाना

रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स अक्सर वे ब्रांड्स और संगठन बनकर साइबर अटैक करते हैं, जिन पर हम आसानी से विश्वास कर लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 60.1 प्रतिशत मामलों में अटैकर्स टॉप 25 ऑर्गेनाइजेशन बनकर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं, जिनमें Microsoft, Google, Salesforce और Amazon जैसे ब्रांड्स शामिल हैं।

इन अटैक्स को ईमेल ऑथेंटिकेशन के जरिए भी रोका नहीं जा सकता। दरअसल, 89 प्रतिशत मामलों में अनवॉन्टेड मैसेज ईमेल ऑथेंटिकेशन मैथड को पास कर लेते हैं।

रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि उनकी टीम ने 279 मिलियन से ज्यादा ईमेल थ्रेट्स, 250 मिलियन मैलिशियस मैसेज और 1 बिलियन से ज्यादा ब्रांड इम्पर्सनैशन जैसे मामले डिटेक्ट किए हैं।

Cloudflare के सीईओ ने इस संबंध में कहा है कि फिशिंग एक संक्रमक रोग है, जो कि अब इंटरनेट के हर कोने में फैल गया है। इसका शिकार बड़ी कंपनी के सीईओ से लेकर सरकारी ऑफिसर और रोजमर्रा के उपभोक्ताओं तक सब हो रहे हैं।

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आपको बता दें, साइबर अटैक का शिकार केवल कॉर्पोरेट संगठन ही नहीं बल्कि business email compromise (BEC) भी हो रहे हैं। इनका घाटा 50 बिलियन डॉलर से भी ऊपर पहुंच चुका है।

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Author Name | Manisha

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