Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 24, 2025, 11:41 AM (IST)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम अब भारतीय टीनएजर्स के लिए और भी सुरक्षित हो गया है। मेटा ने डायरेक्ट मैसेजिंग (DM) सेक्शन में दो नए फीचर्स जोड़े हैं, जिससे अब टीनएज यूजर्स को किसी से चैट करने से पहले सेफ्टी टिप्स दिखाई देंगी। ये टिप्स यह याद दिलाएंगी कि अगर सामने वाले अकाउंट से कुछ गलत लगे या जानकारी शेयर करने में कंफर्टेबल नहीं महसूस हो, तो बात न करें। इसके अलावा अब हर चैट में सामने वाले अकाउंट की प्रोफाइल पर बनाया गया महीना और साल भी दिखेगा, जिससे नकली या स्कैम अकाउंट्स को पहचानना आसान हो जाएगा। और पढें: Instagram पर कैसे जानें कौन छुप-छुपकर देख रहा है आपका प्रोफाइल, इस ट्रिक का करें इस्तेमाल
मेटा ने अब एक और आसान फीचर जोड़ दिया है, जिससे टीनएज लड़के-लड़कियों को किसी गलत या परेशान करने वाले इंसान से बचना और भी आसान हो गया है। अब अगर कोई किसी को ब्लॉक करना चाहता है, तो उसे साथ ही रिपोर्ट करने का ऑप्शन भी एक ही क्लिक में मिलेगा। पहले इसके लिए दो अलग-अलग स्टेप्स करने पड़ते थे – पहले ब्लॉक करो, फिर रिपोर्ट करो। लेकिन अब ये काम जल्दी और आसान हो गया है। यह नया बदलाव उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो किसी को तुरंत ब्लॉक करके उस परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं। और पढें: WhatsApp में आया Instagram वाला यह फीचर, प्रोफाइल पर दिखाई देगा स्टेटस
ऐसे अकाउंट्स जो बच्चों (13 साल से कम उम्र) के लिए उनके माता-पिता या मैनेजर्स द्वारा चलाए जा रहे हैं, उन पर अब इंस्टाग्राम की सबसे कड़ी सिक्योरिटी सेटिंग्स लागू की जाएंगी। इनमें शामिल हैं टाइट चैट कंट्रोल, ‘Hidden Words’ फीचर जो आपत्तिजनक शब्दों को ब्लॉक करता है और नए सेफ्टी अलर्ट्स जो ऐप के टॉप पर दिखेंगे। मेटा ने यह भी साफ किया है कि अगर किसी बच्चे को खुद अपना अकाउंट चलाते हुए पाया गया, तो वह अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा। और पढें: Instagram में अब मिलेगा Dolby Vision HDR सपोर्ट, iPhone वीडियो होंगे और भी बेहतर
भारत इंस्टाग्राम के सबसे बड़े यूजरबेस में से एक है और यहां के टीनएजर्स तेजी से सोशल मीडिया की दुनिया में एक्टिव हो रहे हैं। ऐसे में मेटा के ये नए बदलाव उनके ऑनलाइन एक्सपीरियंस को ज्यादा सुरक्षित और बेहतर बनाएंगे। यह कदम खासतौर पर भारतीय परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपने बच्चों के डिजिटल सेफ्टी को लेकर चिंतित रहते हैं।