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भारत सरकार का बड़ा कदम: 138 सट्टेबाज ऐप्स और 94 लोन ऐप्स पर लगा बैन, चीन से जुड़े थे तार

हाल ही में MeitY को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इन ऐप्स को ब्लॉक करने की आदेश प्राप्त हुआ था। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए MeitY ने इन ऐप्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है।

Published By: Manisha | Published: Feb 05, 2023, 01:15 PM (IST)

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Highlights

  • 138 सट्टेबाजी ऐप्स हुए बैन
  • 94 लोन देने वाले ऐप्स हुए बैन
  • इन ऐप्स पर आईटी अधिनियम धारा 69 लगाई है
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भारत सरकार ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई ऐप्स पर बैन लगाना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि इन ऐप्स के तार चीन से जुड़े हुए थे। लेटेस्ट रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स (betting apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (loan lending apps) को बैन करना शुरू कर दिया है। यह ऐप्स यूजर्स का डेटा चोरी कर चीन के साथ साझा कर रहे थे। news और पढें: सरकार ने बैन किए 14 ऐप्स, जम्मू और कश्मीर में फैला रहे थे आतंक

लेटेस्ट रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स (betting apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (loan lending apps) को बैन करना शुरू कर दिया है। हाल ही में MeitY को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इन ऐप्स को ब्लॉक करने की आदेश प्राप्त हुआ था। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए MeitY ने इन ऐप्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। news और पढें: MeitY ने बैन हुए लोन ऐप्स और वेबसाइट को दी 48 घंटे का 'अल्टीमेटम', दिखाने होंगे दस्तावेज

सरकार ने इन ऐप्स पर आईटी अधिनियम धारा 69 लगाई है। इन ऐप्स में ऐसे कॉन्टेंट शामिल हैं, जो कि भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकते है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बैन किए गए लगभग सभी ऐप्स चीनी नागरिकों द्वारा बनाए गए हैं। इनके पास भारतीय यूजर्स का जरूरी डेटा पहुंच रहा था।

लोन देने वाले ऐप यूजर्स को कर रहे थे परेशान

आपको बता दें, सरकार ने 6 महीने पहले 28 ऐसे ऐप्स की जांच शुरू की थी, जो कि लोगों को लोन देकर दोगुनी राशि वसुल रहे थे। जब लोन लेने वाला शख्स लोग की दोगुनी राशि वापस करने में असमर्थ रहता, तो उन्हें अलग-अलग तरीकों से परेशान करते। इन ऐप्स की जांच जब शुरू हुई थी, मालूम लगा कि इन ऐप्स के तार चीन से जुड़े हुए हैं।

इन ऐप्स को चीनी नागरिकों ने बनाया है। लोन देने के बाहने से यह यूजर्स की पर्सनल डेटा हासिल कर लेते हैं। साथ ही जांच में पाया गया कि 94 ऐप्स ई-स्टोर्स पर मौजूद हैं, जो कि थर्ड-पार्टी से लिंक होकर काम कर रहे थे।