
Flipkart, Snapdeal, Mesho और Amazon जैसे प्लेटफॉर्म के आने से आज के समय में शॉपिंग करना काफी आसान हो गया है। लेकिन बीतों कई सालों में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बढ़ने के साथ देश में ऑनलाइन धोखधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। यही कारण है कि अब भारत सरकार इन मामलों पर रोक लगाने और ई-कॉमर्स से जुड़े नियमों को सख्त बनाने पर काम कर रही है।
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ई-कॉमर्स नियमों को कड़ा करने पर काम कर रही है, जिससे विक्रेताओं द्वारा की गई धोखाधड़ी के लिए ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म को उत्तरदायी बनाया जा सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेसन टेक्नोलॉजी (MeitY) द्वारा भेजे गए इस मुद्दे से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने के बाद नियम तैयार किए जाएंगे, जो ई-कॉमर्स पर लागू होंगे।
अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मिडल मैन की तरह हैं, जो कंज्यूमर और सेलर को जोड़ते हैं। इन वेबसाइट्स को इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 79 का संरक्षण मिला है। हालांकि, अब केंद्र सरकार नियम में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इस कदम से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी तय होगी।
वहीं, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हम इस उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था में कंज्यूमर के हितों की रक्षा करने के लिए ई-कॉमर्स नियमों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में हैं। अगर प्लेटफॉर्म पर किसी भी ग्राहक के साथ धोखाधड़ी होती है, तो हम उस प्लेटफॉर्म को जवाबदेह बनाने की योजना बना रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने केंद्रीय कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) के तहत कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिना ISI मार्क वाले प्रेशर कुकर बेचने के कारण जुर्माना लगाया था। इस वजह से अब सरकार ग्राहकों को हित में नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Ajay Verma
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