
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Aug 20, 2025, 06:05 PM (IST)
Online Gaming Bill
भारत सरकार ने लोकसभा में Promotion & Regulation of Online Gaming Bill, 2025 पेश किया है। इस कानून का मकसद पैसों से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाना और युवाओं को लत, धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान से बचाना बताया जा रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बिल विपक्ष के शोरगुल के बीच सदन में रखा। सरकार का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग से न सिर्फ परिवार आर्थिक संकट में आते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। कई मामलों में कर्ज, अपराध और यहां तक कि आत्महत्या तक की नौबत आ जाती है।
बिल के मुताबिक, किसी भी तरह का मनी-बेस्ड ऑनलाइन गेम जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रमी, कार्ड गेम या ऑनलाइन लॉटरी पूरी तरह बैन हो जाएंगे। इस पर एडवरटाइजमेंट करना, प्रमोट करना या ऐसे लेन-देन में शामिल संस्थानों को भी सख्त सजा होगी। नियम तोड़ने पर 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही कंपनी के डायरेक्टर और मैनेजर तक को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि सरकार के अधिकारी बिना वारंट के किसी भी जगह, कंप्यूटर, मोबाइल या डिजिटल स्पेस की जांच और जब्ती कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि ऐसे कदम नशे, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग जैसे खतरों से निपटने के लिए भी जरूरी हैं।
यह नया कानून सिर्फ उन ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाएगा जिनमें पैसे लगते हैं। लेकिन ई-स्पोर्ट्स और दोस्तों के साथ खेले जाने वाले सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि ई-स्पोर्ट्स को खेल मंत्रालय संभालेगा और खिलाड़ियों को ट्रेनिंग भी मिलेगी। वहीं पढ़ाई और संस्कृति से जुड़े गेम्स को IT मंत्रालय और सूचना-प्रसारण मंत्रालय की देखरेख में आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार चाहती है कि युवा बच्चे डिजिटल स्किल्स सीखें, खेलों में रुचि लें और भारतीय संस्कृति से जुड़े गेम्स खेलें। इसके लिए एक ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी भी बनाई जाएगी, जो तय करेगी कि कौन-सा गेम सही है और कौन-सा बैन होगा।
The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 is here to boost innovation & protect citizens!
The Bill encourages e-sports & online social games while prohibiting harmful online money gaming services, advertisements & financial transactions related to them.… pic.twitter.com/TyMphGFeIt
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) August 20, 2025
गेमिंग इंडस्ट्री ने इस बिल का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि इस सेक्टर में 2 लाख से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं और करीब 25,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश लगा है। अगर यह कानून लागू हुआ तो 4 लाख कंपनियां बंद हो सकती हैं, लाखों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी और सरकार को हर साल 20,000 करोड़ रुपये GST का नुकसान होगा। इंडस्ट्री का कहना है कि बैन लगने से लोग अवैध विदेशी ऐप्स का इस्तेमाल करने लगेंगे, जिससे खतरा और बढ़ जाएगा। Dream11, MPL और WinZO जैसी कंपनियों का कहना है कि वे केवल स्किल-बेस्ड गेम्स चलाते हैं, न कि जुआ या सट्टा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत को अमेरिका और ब्रिटेन की तरह बैन करने के बजाय लाइसेंस और नियमों वाला सिस्टम अपनाना चाहिए, ताकि सरकार की कमाई भी हो और लोग भी सुरक्षित रहें।