
Google ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसके AI एजेंट ‘Big Sleep’ ने हाल ही में एक बड़ी साइबर सुरक्षा से जुड़ी खामी का पता लगाया है। यह एजेंट Google DeepMind और Project Zero द्वारा मिलकर बनाया गया है। ‘Big Sleep’ ने गूगल के एक प्रोडक्ट में SQLite से जुड़ी एक खतरनाक कमजोरी (CVE-2025-6965) का पता लगाया, जिसे साइबर अपराधी इस्तेमाल करके गूगल की सर्विसेस में सेंध लगा सकते थे। लेकिन इससे पहले कि कोई इसे एक्सप्लॉइट कर पाता, AI एजेंट ने समय रहते इसे पकड़ लिया और गूगल की टीम ने फौरन इसे ठीक कर दिया।
गूगल ने अपने ब्लॉग में बताया कि उन्होंने Big Sleep नाम के AI एजेंट को पहली बार 2024 में दुनिया को दिखाया था। उसी साल इस AI ने एक सुरक्षा खामी भी पकड़ी थी। लेकिन उस वक्त वो कोई ऐसी खामी नहीं थी जिसे बहुत खतरनाक कहा जाए या जिसका किसी ने गलत इस्तेमाल किया हो। लेकिन अब इस बार Big Sleep ने एक ऐसी गड़बड़ी पकड़ी है जो वाकई खतरनाक थी और जिससे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था। खास बात ये रही कि इस AI ने उस गड़बड़ी का पता समय पर लगा लिया और उसे किसी के गलत इस्तेमाल करने से पहले ही अलर्ट कर दिया। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी AI ने किसी असली सॉफ्टवेयर में इतनी बड़ा और गंभीर बग पकड़ा है।
I don’t know if you guys have heard about Google’s new AI cyber guardian “Big Sleep” 💤
It was built by DeepMind and Project Zero, it runs a three-step LLM chain: code reader → vulnerability planner → PoC writer. It scans huge codebases, locates risky patterns, then… pic.twitter.com/SGtD8vdZu5
— Chris (@chatgpt21) July 17, 2025
गूगल ने यह नहीं बताया कि यह खामी उसके किस प्रोडक्ट में थी या इसे कब खोजा गया। लेकिन कंपनी इतना जरूर बताया कि Big Sleep ने यह खामी गूगल की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम से मिली जानकारी पर जांच करके पकड़ी। यानी एजेंट ने पहले खुफिया रिपोर्ट को समझा, फिर उस पर एक्ट कर के SQLite से जुड़ी इस कमजोरी को खोज निकाला। गूगल के मुताबिक अगर यह बग समय रहते नहीं पकड़ा जाता, तो हैकर्स इसके जरिए यूजर्स के डेटा और सिस्टम्स पर हमला कर सकते थे।
अब गूगल Big Sleep को सिर्फ अपने ही प्रोडक्ट्स नहीं बल्कि कुछ फेमस ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल कर रहा है, हालांकि इनका नाम नहीं बताया गया। गूगल ने एक व्हाइट पेपर भी जारी किया है जिसमें बताया गया है कि ऐसे AI एजेंट्स को कैसे डेवलपर किया गया है और वे किस तरह से साइबर सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं। गूगल ने ये भी कहा कि वो अपने Secure AI Framework (SAIF) से जुड़ी जानकारी CoSAI नाम की एक टीम के साथ शेयर करेगा, ताकि AI सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
Author Name | Ashutosh Ojha
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