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विदेशी क्रिप्टो कंपनियों के लिए बड़ी मुसीबत, भारत में हो सकती हैं ब्लॉक

FUI ने विदेशी क्रिप्टो वेबसाइट को नोटिस जारी किया है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम का पालन न करने पर इन वेबसाइट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

Published By: Mona Dixit | Published: Dec 29, 2023, 01:26 PM (IST)

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Highlights

  • FUI ने विदेशी क्रिप्टो वेबसाइट को नोटिस जारी किया है।
  • कुल 9 वेबसाइट्स को भारत में ब्लॉक किया जा सकता है।
  • PMLA की धारा 13 के तहत नोटिस जारी किया गया है।
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भारत सरकार कई विदेशी क्रिप्टो करेंसी पर नजर बनाए हुए हैं। अब सरकार ने फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 13 के तहत नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) को कारण बताओ नोटिस भेजा है। पहले ही भरत सरकार विदेशी क्रिप्टो कंपनियों पर काफी टेक्स ले रही है और यह नोटिस उनके लिए एक और बड़ी मुसीबत बन सकता है। FIU ने कुल कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आइये, डिटेल में जानते हैं।

इन क्रिप्टो कंपनियों को मिला नोटिस

वित्त मंत्रालय की एक ऑफिशियल रिलीज के अनुसार, ऑफशोर संस्थाओं के खिलाफ अनुपालन कार्रवाई के हिस्से के रूप में, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (FIU IND) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम एक्ट की धारा 13 के तहत नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स (VDA SPs) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

रिलीज के मुताबिक, नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स में बिनेंस, कुकोइन, हुओबी, क्रैकन, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफिनेक्स शामिल हैं।

URL हो सकता है ब्लॉक

रिलीज में कहा गया है कि FIU IND के निदेशक ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को उन संस्थाओं के URL को ब्लॉक करने के लिए कहा है, जो भारत में PML एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन किए बिना अवैध रूप से काम कर रहे हैं।

मंत्रालय ने यह साफ-साफ कहा है कि 9 विदेशी क्रिप्टो कंपनियों पर जो कार्रवाई करने के लिए कहा गया है वह भारत में भौतिक उपस्थिति को लेकर नहीं बल्कि एक्टिविटीज को लेकर हैं।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि अधिनियम में वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स पर रिपोर्टिंग करने, रिकॉर्ड रखने और FIU IND के साथ रिजस्ट्रेशन करना आदि शामिल है। मार्च में वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स को PMLA के प्रावधानों के दायरे में लाया गया था। अभी तक कुल 31 वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स वित्तीय खुफिया इकाई के पास रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।