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अमेरिकी कंपनियां Google और Microsoft भारत में अब नहीं करेंगी हायरिंग? डोनाल्ड ट्रंप ने दी चेतावनी

अमेरिका में हुए एक AI समिट में डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान देकर हलचल मचा दी है। उन्होंने साफ कहा कि Google, Microsoft जैसी कंपनियां अब भारत में हायरिंग बंद करें और अमेरिकी लोगों को नौकरी दें। ट्रंप के इस फैसले से भारतीय IT सेक्टर पर गहरा असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 24, 2025, 12:52 PM (IST)

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ी टेक कंपनियों को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने Google, Microsoft जैसी कंपनियों से कहा है कि वे भारत जैसे देशों में हायरिंग बंद करें और अमेरिकियों को प्राथमिकता दें। वॉशिंगटन में हुए एक AI समिट के दौरान ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है जब अमेरिकी कंपनियों को अपने देश में ही फैक्ट्रियां बनानी चाहिए और नौकरियां देनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बड़ी कंपनियां अमेरिकी आजादी का फायदा उठाकर विदेशों में पैसा कमा रही हैं और अमेरिका में लोगों को नजरअंदाज कर रही हैं।

‘ग्लोबल माइंडसेट’ पर हमला

समिट के दौरान ट्रंप ने टेक इंडस्ट्री के “ग्लोबल माइंडसेट” की आलोचना करते हुए कहा कि यह रवैया अमेरिका के लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा “हमारी बड़ी टेक कंपनियां चीन में फैक्ट्रियां बना रही हैं, भारत में कर्मचारियों को नौकरी दे रही हैं और आयरलैंड में मुनाफा जमा कर रही हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा” ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अब AI की रेस जीतने के लिए देशभक्ति और अमेरिका के प्रति वफादारी जरूरी है, खासकर सिलिकॉन वैली जैसी जगहों पर।

AI से जुड़े तीन बड़े आदेश

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समिट में तीन नए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर भी साइन किए। पहला ऑर्डर अमेरिका को AI में दुनिया का लीडर बनाने की रणनीति से जुड़ा है, जिसमें डेटा सेंटर बनाने की प्रक्रिया तेज करने और कंपनियों को AI इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में सहूलियत देने की बात कही गई है। दूसरा आदेश उन कंपनियों पर लागू होगा जो सरकारी फंड से AI टूल्स बना रही हैं। अब उन्हें “राजनीतिक रूप से तटस्थ” यानी गैर-पक्षपाती AI सिस्टम बनाने होंगे। ट्रंप ने साफ किया कि उनकी सरकार “वोक” यानी उदारवादी एजेंडा पर आधारित AI को खत्म करना चाहती है।

ट्रंप ने AI शब्द पर भी जताई नाराजगी

ट्रंप ने AI शब्द पर भी नाराजगी जताई और कहा कि यह “आर्टिफिशियल” नहीं बल्कि “जीनियस” टेक्नोलॉजी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बने AI टूल्स को दुनियाभर में बढ़ावा देने के लिए तीसरा ऑर्डर जारी किया गया है, जिसमें अमेरिका की टेक्नोलॉजी पावर को ग्लोबल लेवल पर कंपटीशन में आगे लाने की बात कही गई है। हालांकि अभी इन फैसलों का तात्कालिक असर नहीं दिखेगा, लेकिन अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारतीय IT प्रोफेशनल्स और आउटसोर्सिंग कंपनियों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।