
Chandrayaan 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड हो गया है। इस मिशन के सफल होने के पीछे देश के लोगों की दुआओं के साथ-साथ वैज्ञानिकों का भी हाथ है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से उन वैज्ञानिकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया है। आइए नीचे मिशन से जुड़े साइंटिस्ट के बारे में जानते हैं…
मोहन कुमार चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) मिशन के प्रमुख डायरेक्टर हैं। वहीं, रॉकेट डायरेक्टर बीजू सी. थॉमस हैं। इन दोनों की देखरेख में मिशन का संचालन किया गया।
एस. सोमनाथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) के डायरेक्टर हैं। उन्हें मून लैंडर को सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने की जिम्मेदारी मिली, जो कि उन्होंने बखूबी निभाई।
डॉक्टर उन्नीकृष्णन इसरो के डायरेक्टर हैं। वह स्पेस फ्लाइट सिस्टम के विशेषज्ञ हैं। चंद्रयान 3 के रॉकेट को उनकी निगरानी में तैयार किया गया। वह इसरो से 1985 में जुड़े और उन्होंने स्पेस मिशन के लिए PSLV, GSLV और LVM3 जैसे रॉकेट तैयार किए।
तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के रहने वाले, वीरमुथुवेल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा किया और इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। बाद में उन्होंने आईआईटी-मद्रास से पीएचडी की। वह 2014 में इसरो में शामिल हुए।
वैज्ञानिक एम. शंकरन ने 1 जून, 2021 को इसरो के सभी उपग्रहों के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन के लिए देश के अग्रणी केंद्र, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के डायरेक्टर के रूप में पदभार संभाला था। उनकी निगरानी में चंद्रयान 3 स्पेसक्राफ्ट को तैयार किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रयान 3 मिशन को पिछले महीने 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। अब यह यान चंद्रमा की सतह पर उतर चुका है। इससे पहले साल 2019 में चंद्रयान 2 को लॉन्च किया गया था, लेकिन यह चांद पर सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर पाया, जिससे सभी को काफी निराशा हुई थी। इसका लैंडर 7 सितंबर को रात 3 बजे क्रैश हो गया था।
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Author Name | Ajay Verma
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