
Chandrayaan 3: भारत के लिए आज ऐतिसाहिक दिन है। चंद्रयान-3 के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है। इससे पहले चांद की सतह पर तीन और देशों ने उतरने में सफलता प्राप्त की है, जिनमें रूस, अमेरिका और चीन शामिल हैं। चंद्रयान 3 से पहले साल 2019 में भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 चांद की सतह पर पहुंचने से कुछ दूर पहले क्रैश हो गया था।
Chandrayaan 2 के तुरंत बाद ISRO ने Chandrayaan 3 मिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। पिछले महीने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 ने धरती की सतह से उड़ान भरी थी, जो आज यानी 23 अगस्त 2023 को तय समय के अनुसार शाम को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। चंद्रयान-3 मिशन का खर्च महज 615 करोड़ रुपये है। इससे पहले जितने मून मिशन हुए हैं, उनमें इसके मुकाबले काफी ज्यादा खर्चा आया था। आइए जानते हैं चांद पर किस देश ने पहली बार कब कदम रख था।
1966- Soviet Union का Luna 2 सबसे पहले सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचने वाला यान बना था। हालांकि, यह चांद की सतह तक पहुंचने में असफल रहा। इसके बाद 3 फरवरी 1966 को सोवियत यूनियन के Luna 9 यान ने सफलतापूर्वक चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
रूस के बाद अमेरिका ने साल 1968 में Apollo 8 मिशन लॉन्च किया था। यह पहला मानव मिशन था, जो कि चांद की कक्षा में प्रवेश किया था। इसके बाद 1969 में Apollo 11 मिशन लॉन्च किया गया। इस मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong ) चांद की सतह पर कदम रखने वाले पहले इंसान बनें।
चीन ने Chang’e 2 मिशन के तहत 1 दिसंबर 2013 को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामियाबी हासिल की थी। इसके बाद साल 2019 में चीन ने Chang’e 4 मिशन के तहत दोबारा चांद पर कदम रखा।
चांद की सतह पर उतने वाले देशों की लिस्ट में अब भारत का नाम भी शामिल हो गया है। भारत आज 23 अगस्त 2023 को Chandrayaan 3 मिशन के तहत चांद की सतह पर उतने वाला चौथा देश बन गया है। हालांकि, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाला भारत पहला देश है। इस सॉफ्ट लैंडिंग के जरिए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को चांद पर उतार दिया गया है।
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