Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Mar 23, 2023, 05:31 PM (IST)
सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) ने मुंबई में चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी OPPO के फाइनेंस और अकाउंट्स डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी महेंद्र कुमार रावत को गिरफ्तार किया है। उनपर नकली चालान के माध्यम से 19 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने का आरोप लगा है। रावत को गिरफ्तार करने के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 3 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। और पढें: OPPO Find N6 जल्द भारत में होगा लॉन्च! एचडी स्क्रीन के साथ मिलेगा दमदार प्रोसेसर
जीएसटी विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महेंद्र कुमार रावत को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69 और धारा 132 का उल्लंघन करने की वजह से गिरफ्तार किया गया है। वहीं, जांच से जानकारी मिली है कि ओप्पो महाराष्ट्र की ओर से बिना प्रोडक्ट्स प्राप्त किए फर्जी आईटीसी क्रिएट किए गए। और पढें: 50MP कैमरा और 7025mAh बैटरी वाले OPPO Find X9 को खरीदने का सही Time, मिल रहा 8500 का बड़ा Discount
इस संबंध में 16 ई-वे बिल की वेरिफिकेशन की गई, जिससे पता चला कि ये सभी फेक हैं। साथ ही, ट्रांसपोर्टरों और वाहन मालिक से भी पूछताछ की गई। इससे भी साफ हो गया कि कंपनी को माल सप्लाई नहीं हुआ।
विभाग ने बताया कि रावत ओप्पो मोबाइल के मुख्य सिग्नेटरी, फाइनेंस और अकाउंट्स के मैनेजर हैं। उन्होंने 107,08,56,072 रुपये के चालान के लिए 19,27,54,093 रुपये के नकली आईटीसी बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
CGST विभाग के मुताबिक, महेंद्र कुमार रावत ने फर्जी ई-वे बिल जनरेट करने को लेकर अपना गुनाह कबूल कर लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई जोन के CGST विभाग ने टैक्स चोरी के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था, जिसके तहत इस फर्जीवाडे को पकड़ा गया। विभाग के मुताबिक, पिछले 18 महीनों में टैक्स चोरी से जुड़े मामलों में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
याद दिला दें कि Department of Revenue Intelligence (DRI) ने पिछले साल ओप्पो पर 4,389 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उस वक्त विभाग की ओर से कहा गया कि ओप्पो के ऑफिस और टॉप मैनेजमेंट के कर्मचारियों के घर पर की गई तलाशी से पता चला कि मोबाइल फोन के निर्माण में इस्तेमाल के लिए किए जाने वाले पार्ट्स की डिटेल में गलत जानकारी दर्ज की गई। इस वजह से कंपनी पर आरोप लगा था।