
Black Box: 12 जून को अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना ने न केवल पूरे देश को बल्कि दुनियाभर को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में न केवल विमान में बैठे यात्रियों की जान गई है बल्कि यह विमान जिस इमारत (मेडिकल कॉलेज हॉस्टल का मैस) पर क्रैश हुआ था, उसमें भी कई मासूमों की जान गई। यह प्लेन क्रैश इतना खतरनाक था कि पूरा प्लेन बल्कि मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारज भी पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। इसी बीच प्लेन क्रैश की वजह को जानने के लिए प्लेन में लगे ब्लैक बॉक्स की तलाश की जा रही थी, जो कि मलबे में से बरामद हो चुका है। इसे जांच के लिए भेज दिया गया है।
क्या आपने कभी सोचा है खतरनाक विमान हादसों में जहां सबकुछ जलकर राख हो जाता है, वहीं प्लेन में लगा यह Black Box कैसे सुरक्षित बच जाता है? दरअसल, इसके पीछे का राज इसको बनाई जाने वाली टेक्निक है। जी हां, इस ब्लैक बॉक्स को खास टेक्निक के साथ बनाकर तैयार किया जाता है, जिस वजह से बड़े से बड़े विमान हादसों में इस ब्लैक बॉक्स का बाल भी बांका नहीं होता। आइए जानते हैं वो टेक्निक।
Black Box को खासतौर पर इस तरह डिजाइन किया गया है, जिसके जरिए यह गंभीर से गंभीर हादसों जैसी स्थिति में भी सर्वाइव कर सके। इस ब्लैक बॉक्स को बनाने के लिए टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाता है।
Black Box वॉटरप्रूफ होते हैं और यह 6000 फीट तक की गहराई वाले पानी में भी पूरे 1 महीने तक सर्वाइव कर सकता है। अन्य प्लेन क्रैश के दौरान यदि प्लेन समुद्रे में गिरता है, तो भी ब्लैक को समुद्र की गहराइयों से सही सलामत पाया जा सकता है।
इस ब्लैक बॉक्स में आग सहने की भी क्षमता मौजूद है। यह डिवाइस 1100 सेल्सियस जैसी हाई टेम्परेचर पर भी 1 घंटे तक बचा रहता है। यदि प्लेन में आग भी जल जाती है, तो यह ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहता है।
ब्लैक बॉक्स एविएशन सेक्टर में इस्तेमाल होने वाला डिवाइस है, जिसे हर प्लेन के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाता है। ब्लैक बॉक्स एक तरह का रिकॉर्डर है, जो कि विमान की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। प्लेन क्रैश के बाद इसी ब्लैक बॉक्स के जरिए हादसे की वजह की जानकारी ली जाती है। कहने को यह ब्लैक बॉक्स है, लेकिन इसका रंग डार्क ऑरेंज होता है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Manisha
Select Language