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Android स्मार्टफोन में आया एक नया बग, हैकर्स आसानी से पता लगाए सकेंगे आपका लोकेशन

Android डिवाइस के एक नए बग का पता चला है, जिसमें हैकर्स यूजर को मैसेज भेजकर उसके लोकेशन का पता लगा सकता है। यह एक बड़ा सिक्योरिटी बग है, जिसमें SMS सिस्टम का इस्तेमाल करके यूजर की लोकेशन पता चल जाता है।

Published By: Harshit Harsh | Published: Jul 31, 2023, 03:14 PM (IST)

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Android स्मार्टफोन के एक बग का पता चला है, जिसमें टैक्स्ट मैसेजिंग यानी SMS के जरिए यूजर्स की लोकेशन का पता चल सकता है। एंड्रॉइड स्मार्टफोन के टेक्स्ट मैसेजिंग सर्विस की वजह से लोकेशन ट्रैकिंग इनेबल हो जाता है। यह बग साइबर क्रिमिनल्स को यूजर के स्मार्टफोन की लोकेशन ट्रैक करने की आजादी दे देता है। अमेरिका बेस्ड नार्थ-इस्टर्न यूनिवर्सिटी के एक पीएचडी छात्र इवांगेलोस बिटसिकास ने एंड्रॉइड डिवाइसेज के इस बग का पता लगाया है। news और पढें: Google Translate ने लॉन्च किया हेडफोन के जरिए रियल-टाइम ट्रांसलेशन फीचर, जानें कैसे करें यूज

SMS के जरिए लोकेशन ट्रैकिंग

रिसर्च ग्रुप ने 1990 से इस्तेमाल हुए मोबाइल फोन के टेक्स्ट मैसेज यानी SMS सिर्टम के मशीन लर्निंग प्रोग्राम में यह सिक्योरिटी दिक्कत पाई है। इस बग की वजह से यूजर का फोन नंबर हैकर्स के पास होने के बाद एक साधारण नेटवर्क एक्सेस पर डिवाइस की लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी। इस बग की वजह से दुनिया के किसी भी लोकेशन से डिवाइस को ट्रैक किया जा सकता है। news और पढें: Android यूजर्स के लिए खुशखबरी, Google लाया Emergency Live Video फीचर

सिक्योरिटी ग्रुप का कहना है कि तीन दशक पहले लॉन्च हुए 2G नेटवर्क से टेक्स्ट मैसेजिंग की सुरक्षा काफी इंप्रूव हुई है। जब यूजर्स को टेक्स्ट मैसेज रिसीव होता है, तो इसकी डिलीवरी रिपोर्ट मैसेज भेजने वाले को तुरंत मिल जाती है। एक हैकर इसके लिए यूजर के फोन पर नोटिफिकेशन के लिए टेक्स्ट मैसेज भेज सकते है। मैसेज के ऑटोमैटेड डिलीवरी रिप्लाई की वजह से यूजर की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है, चाहे लो कम्युनिकेशन एनक्रिप्टेड ही क्यों न हो। news और पढें: Google Photos App में आया शानदार अपडेट, मिलेंगे वीडियो एडिटिंग टूल्स, अब मिनटों में बनाएं प्रोफेशनल वीडियो

हैकर्स कर सकते हैं मिसयूज

साइबर सिक्योरिटी ग्रुप का कहना है कि जब मशीन लर्निंग मॉडल इस्टेब्लिश हो जाती है तो हैकर्स कुछ SMS भेजने को तैयार हो जाते हैं। इसके बाद मशीन लर्निंग मॉडल के जरिए यूजर की प्रेडिक्टेड लोकशन का पता चल जाता है। हालांकि, एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के इस बग का हैकर्स आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे पहले भी Android ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर कई तरह के बग्स का पता चहा है, जिसे गूगल ने समय-समय पर फिक्स किया है। गूगल हर साल अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ यूजर्स की प्राइवेसी को अपग्रेड करता रहता है। यही नहीं, यूजर्स के लिए सिक्योरिटी अपडेट्स भी रिलीज करता है।