Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 11, 2025, 06:18 PM (IST)
AIIMS Delhi
दिल्ली के All India Institute of Medical Sciences (AIIMS-Delhi) ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नया AI-आधारित वेलनेस प्रोग्राम ‘Never Alone’ लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकना और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी झिझक या शर्म को कम करना है। खास बात यह है कि इसे वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (World Suicide Prevention Day) के मौके पर लॉन्च किया गया। यह ऐप और प्लेटफॉर्म छात्रों को 24 घंटे, सातों दिन WhatsApp के जरिए मदद उपलब्ध कराएगा। इसमें मानसिक स्वास्थ्य की जांच, वर्चुअल और ऑफलाइन काउंसलिंग और लगातार फॉलो-अप का सिस्टम शामिल है।
इस प्रोग्राम की सबसे बड़ी खासियत है कि यह बेहद किफायती है। AIIMS के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार के अनुसार, संस्थान इसे सिर्फ 70 पैसे प्रति छात्र प्रतिदिन की दर से उपलब्ध करा रहा है। फिलहाल यह पहल दिल्ली के अलावा AIIMS भुवनेश्वर और IHBAS शाहदरा में भी शुरू की गई है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी अगर इस सेवा से जुड़ना चाहें, तो उन्हें AIIMS-Delhi के साथ रजिस्टर करना होगा। यह प्रोग्राम Global Centre of Integrative Health (GCIH) के जरिए चलाया जाएगा, जिसे प्रसिद्ध इंटीग्रेटिव हेल्थ एक्सपर्ट और AIIMS के पूर्व छात्र डॉ. दीपक चोपड़ा का सहयोग प्राप्त है। खास बात यह है कि सभी AIIMS संस्थान इसे बिना किसी शुल्क के इस्तेमाल कर सकेंगे।
आत्महत्या भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में देशभर में 1.7 लाख से अधिक आत्महत्या के मामले दर्ज हुए, जो पिछले 56 सालों में सबसे ज्यादा हैं। इनमें से लगभग 35% केस 18 से 30 वर्ष की उम्र के युवाओं के थे। विशेषज्ञ बताते हैं कि विकसित देशों में जहां डिप्रेशन और शराब की लत आत्महत्या का बड़ा कारण होते हैं, वहीं भारत में कई बार अचानक आने वाले संकट जैसे रिश्तों में टूटन, आर्थिक तंगी या लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां युवाओं को यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता तो बढ़ रही है, लेकिन अब भी 80% लोग इलाज या मदद लेने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें समाज की सोचेगा इसका डर रहता है। ऐसे हालात में ‘Never Alone’ जैसा डिजिटल और सीक्रेट प्लेटफॉर्म छात्रों को बिना किसी झिझक, सही समय पर प्रोफेशनल मदद दिला सकता है। यह न केवल आत्महत्या के मामलों को कम करने में मदद करेगा, बल्कि छात्रों को यह भी भरोसा दिलाएगा कि वे अपनी समस्याओं में अकेले नहीं हैं। AIIMS दिल्ली का यह कदम आने वाले समय में युवाओं की मानसिक सेहत को लेकर एक बड़ी और कारगर पहल साबित हो सकता है।