Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Nov 01, 2025, 11:57 AM (IST)
भारत सरकार अब आधार कार्ड की सुरक्षा और टेक्नोलॉजी को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रही है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने ‘Aadhaar Vision 2032’ नाम से एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत आधार सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन और क्वांटम टेक्नोलॉजी को जोड़ा जाएगा। यह कदम न सिर्फ आधार को और सुरक्षित बनाएगा बल्कि इसे भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में आधार कार्ड सिर्फ पहचान का साधन न रहे, बल्कि यह भारत की डिजिटल ताकत का प्रतीक बने। और पढें: Aadhaar अपडेट करना होगा अब बच्चों का खेल, UIDAI ला रहा मोबाइल नंबर और पता बदलने का आसान ऑनलाइन फीचर
UIDAI के इस नए विजन का मुख्य उद्देश्य आधार सिस्टम को और मजबूत, आधुनिक और सुरक्षित बनाना है। इसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी का यूज करके नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स के अनुसार सुरक्षित रखा जाएगा। AI के माध्यम से डेटा की निगरानी और फर्जीवाड़े की पहचान आसान होगी, जबकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डेटा को हैक या छेड़छाड़ से बचाने में मदद करेगी। वहीं क्वांटम कंप्यूटिंग आने वाले समय की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधार को तैयार करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आधार से जुड़ी हर जानकारी अत्यधिक सुरक्षित और छेड़छाड़-रोधी रहे। और पढें: Aadhaar App से घर बैठे कर पाएंगे मोबाइल नंबर अपडेट, जल्द आ रहा नया फीचर
UIDAI ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता नीलकंठ मिश्रा कर रहे हैं। इस समिति में टेक और शिक्षा जगत के कई जाने-माने नाम शामिल हैं, जैसे विवेक राघवन (Sarvam AI), धीरेज पांडे (Nutanix) और प्रोफेसर अनिल जैन (Michigan State University)। यह टीम मिलकर Aadhaar Vision 2032 का अंतिम दस्तावेज तैयार करेगी, जो आने वाले दस वर्षों में आधार सिस्टम की तकनीकी दिशा तय करेगा। सरकार का मानना है कि इन विशेषज्ञों की मदद से भारत एक ऐसा डिजिटल पहचान तंत्र तैयार करेगा जो न केवल सुरक्षित बल्कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप भी होगा। और पढें: क्या अब रेस्टोरेंट और सोसाइटी में घुसने से पहले दिखाना होगा Aadhaar? भारत में जल्द आने वाले हैं ये दिन
UIDAI ने यह भी साफ किया है कि नया आधार सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के अनुरूप होगी। इसका मतलब है कि नागरिकों के डेटा की security & privacy सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेगी। नई टेक्नोलॉजी की मदद से आधार को साइबर हमलों से बचाने के लिए एन्क्रिप्शन और अगली पीढ़ी के सुरक्षा उपकरणों का यूज किया जाएगा। सरकार का यह कदम सिर्फ टेक्नोलॉजी में बदलाव नहीं है, बल्कि लोगों के लिए बेहतर और भविष्य की सोच वाले पहचान सिस्टम की ओर एक बड़ा कदम है। अब आधार सिर्फ पहचान दिखाने वाला कार्ड नहीं रहेगा, बल्कि यह भारत की तकनीकी तरक्की और डिजिटल आत्मनिर्भरता का एक अहम प्रतीक बन जाएगा।