
YouTube दिग्गज वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है। इससे करोड़ों यूजर्स जुड़े हैं और इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर प्राइवेसी प्रोसेस को अपडेट कर नई सुविधा जोड़ी गई है। इस अपडेशन के बाद यूजर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) जेनरेटेड कंटेंट को रिपोर्ट कर पाएंगे, जिनमें उनकी आवाज और शक्ल को शामिल किया गया है। कंपनी का मानना है कि इससे प्लेटफॉर्म सुरक्षित होगा और भ्रम फैलाने वाले कंटेंट को रोका जा सकेगा।
यूट्यूब के आधिकारिक ब्लॉगपोस्ट के मुताबिक, प्राइवेसी रिक्वेस्ट प्रोसेस को जोड़ा गया है। इससे फायदा यह होगा कि यूजर्स उनकी वॉइस और फेस वाले एआई वीडियो को रिमूव करने के लिए अनुरोध कर सकेंगे। इसके लिए यूजर्स को यूट्यूब पर सबसे पहले एक फॉर्म भरना होगा। इसके बाद यूट्यूब की टीम रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। रिपोर्ट सही होने पर कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। इससे प्लेटफॉर्म को अतिरिक्त सुरक्षा लेयर मिलेगी और यूजर्स सुरक्षित रहेंगे।
पिछले कुछ महीनों में कई मश्हूर हस्तियों की डीपफेक वीडियो सामने आई थी। इस वजह से यूट्यूब ने यूजर्स की निजता को बनाए रखने के लिए प्रावेसी प्रोसेस का विस्तार किया है। इस कदम से डीपफेक वीडियो पर लगाम लगाई जा सकेगी। बता दें कि कंपनी ने साल 2023 में इसे लाने की घोषणा की थी।
यूट्यूब के यूजर्स केवल वीडियो को ही नहीं बल्कि उन चैनल के खिलाफ शिकायत कर पाएंगे, जिनमें उनकी आवाज और शक्ल का उपयोग किया गया है। इसके लिए भी वीडियो की तरह फॉर्म फिल करना होगा।
बता दें कि वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने पिछले सप्ताह Thumbnail Test & Compare टूल को रोलआउट किया था। इस फीचर के जरिए क्रिएटर्स अपनी वीडियो के लिए सबसे अच्छे थंब को चुन सकते हैं। यह टूल खुद क्रिएटर्स को बेहतर थंब के सुझाव देगा। इससे वीडियो प्लेटफॉर्म पर अच्छी दिखेगी और ज्यादा-से-ज्यादा व्यूअर्स को अपनी ओर खीचेगी।
इस फीचर को धीरे-धीरे यूजर्स के लिए रोलआउट किया जा रहा है। ऐसे में आपको यह फीचर मिलने में समय लग सकता है। अच्छी बात यह है कि यूट्यूब का नया टूल लॉन्ग, लाइवस्ट्रीम और पॉडकास्ट पर काम करेगा।
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