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OTT ऐप्स पर होगा TRAI का कंट्रोल! DoT ने कर ली तैयारी

OTT कम्युनिकेशन और वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स पर जल्द TRAI का कंट्रोल होगा। दूरसंचार विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके लिए जल्द TRAI कंसल्टेशन पेपर जारी करने वाली है।

Published By: Harshit Harsh

Published: Jul 07, 2023, 04:08 PM IST

TRAI-OTT

Story Highlights

  • सरकार जल्द OTT कम्युनिकेशन को रेगुलेट करने वाली है।
  • TRAI इसके लिए जल्द ही कंसल्टेशन पेपर जारी करेगी।
  • दूरसंचार विभाग OTT के जरिए होने वाली कम्युनिकेशन पर निगरानी रखना चाहती है।

Digital Private Data Protection Bill के बाद केन्द्र सरकार OTT यानी ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने की तैयारी में है। इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण TRAI जल्द कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू करने वाली है। OTT प्लेयर्स जैसे कि Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar के साथ-साथ कम्युनिकेशन ऐप्स जैसे कि WhatsApp, Signal, Telegram, Messenger आदि को भी रेगुलेट किया जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां Airtel, Jio, Vi पहले भी TRAI को इन ऐप्स को रेगुलेट करने की मांग कर चुकी हैं।

जल्द जारी होगा कंसल्टेशन पेपर

ET Telecom की रिपोर्ट के मुताबिक, TRAI फिलहाल इन ऐप्स को रेगुलेट करने के लिए ऐप्स के क्लास,कैटेगरी आदि का ध्यान रखेगी। ट्राई के कंसल्टेशन पेपर में इसका जबाब मिलेगा कि किस क्लास के ऐप्स को रेगुलेटरी के दायरे में लाया जाएगा और किस क्लास को बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा कंसल्टेशन पेपर में OTT की परिभाषा, OTT के क्लास, टेलीकॉम के लेवल-प्लेयिंग फील्ड और पहले से मौजूद इंटरनेशनल प्रैक्टिस आदि का ध्यान रखा जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक संबंधित अधिकारी ने कहा कि सभी OTT ऐप्स को रेगुलेट नहीं किया जाएगा। केवल उन ऐप्स को रेगुलेशन के दायरे में रखा जाएगा, जिन्हें जरूरत होगी। कंसल्टेशन पेपर के जरिए TRAI सभी स्टेकहोल्डर्स से कमेंट्स चाहता है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके नियमों का भी ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, पहले TRAI का कहना था कि OTT प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट नहीं किया जाएगा। लेकिन DoT (दूरसंचार विभाग) के निर्देश के बाद इसे रेगुलेट करने पर पुनर्विचार किया जा रहा है।

बनेगा अलग-अलग रेगुलेटरी मैकेनिज्म

TRAI कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग ऐप्स के लिए अलग-अलग तरीके का रेगुलेटरी मैकेनिज्म लाएगी। DoT केवल कम्युनिकेशन ऐप्स यानी WhatsApp, Telegram, Messenger आदि को रेगुलेट करना चाहती है, जिसका जिक्र ड्राफ्ट किए गए टेलीकॉम बिल में भी किया गया है, जबकि DoT कॉन्टेंट ब्रॉडकास्टिंग OTT ऐप्स जैसे कि Netflix और Amazon Prime को रेगुलेट नहीं करना चाहती है।

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पिछले दिनों टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने साफ किया है कि कम्युनिकेशन OTT प्लेटफॉर्म्स को बेसिक रेगुलेशन के दायरे में लाया जाएगा ताकि ग्राहकों को फर्जीवाड़े आदि से बचाया जा सके न कि रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए। DoT ने इसका ध्यान रखते हुए इन ऐप्स के लिए KYC (नो-योर-कस्टमर) मैकेनिज्म इंट्रोड्यूस करना चाहती है। ड्राफ्ट किए गए टेलीकॉम बिल में कम्युनिकेशन ऐप्स की परिभाषा नहीं बताई गई है। सरकार दूरसंचार विभाग (DoT) को कम्युनिकेशन ऐप्स के लिए नोडल मिनिस्ट्री बनाना चाहती है। MIB (मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग) SonyLIV, Netflix, Prime Video जैसे प्लेटफॉर्म्स के कॉन्टेंट मॉनिटर करना चाहिए।

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Author Name | Harshit Harsh

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