
भारत सरकार ने रेल यात्री ऐप (RailYatri app) की कंपनी पर डाटा लीक के मामले में जुर्माना लगाया जा चुका है। यह जानकारी बुधवार को संसद में दी गई है। इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी के केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लिखित में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि IRCTC ने रेल यात्री ऐप पर एक्शन लिया है। डाटा लीक को लेकर उन्होंने बताया है कि बीते पांच साल में कुल 142 मामले सामने आए हैं।
IRCTC को दिसंबर 2022 के दौरान CERT-In से मिली जानकारी पर चला कि डाटा लीक हुआ था और सर्वर को रिस्टोर कर लिया गया। इसके बाद रेल यात्री ऐप पर टिकिट बुकिंग सेवा को रोक दिया गया था और फिर इस ऐप की कंपनी पर पेनल्टी को भी लगाया गया। इसके बाद जरूरी सुरक्षा नियमों को फॉलो करने के बाद इसे रिस्टोर कर दिया गया।
मंत्री ने बताया कि साल 2020, 2021 और 2022 में लगातार एक-एक करके डाटा लीक के मामले सामने आए हैं और सरकारी संस्थाओं ने उनकी रिपोर्ट भी है। यह मामले क्रमशः 10, 5 और 7 हैं। उन्होंने बताया है कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (CERT-In) की तरह से इनको ट्रैक और रिपोर्ट किया जाता है। बीते पांच साल में डाटा लीक के कुल 142 मामले सामने आए हैं। इसमें सिर्फ वही डाटा लीक के मामले शामिल किए हैं, जो CERT-In में रजिस्टर्ड हैं।
मंत्री ने CERT-In को लेकर आगे कहा कि अप्रैल 2022 में नए दिशानिर्देश जारी किए गए थे। सेक्शन 70B के तहत किसी भी साइबर हमले की जानकारी छह घंटे के अंदर देना जरूरी है, ताकि उसको लेकर जरूरी कदम को उठाया जा सके।
CERT-In ने दिसंबर 2022 में भी एक स्पेशल एडवाइजरी जारी की थी, ताकि हेल्थ सेक्टर में मौजूद डाटा को बेहतर सिक्योरिटी प्रोवाइड कराई जा सके। इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर को प्रचार करने को कहा है कि वह अपनी सभी अथॉरिटी और मेडिकल केयर सर्विस उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को साइबर सिक्योरिटी के बारे में जागरुक करें।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Rohit Kumar
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