
जैसे ही मानसून दस्तक देता है, देशभर में बिजली कटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में घरों में इन्वर्टर और बैटरी का इस्तेमाल आम बात है। हालांकि बारिश के मौसम में इन चीजों को खास देखभाल की जरूरत होती है। नमी और पानी की बूंदें इन्वर्टर-बैटरी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर सही तरीके से इनकी सुरक्षा न की जाए, तो शॉर्ट सर्किट, फायर या बैटरी खराब होने जैसे हादसे हो सकते हैं। अगर आप भी इन्वर्टर-बैटरी का इस्तेमाल करते हैं, तो इस मौसम में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
बारिश के मौसम में इन्वर्टर और बैटरी को सूखा और सुरक्षित रखना सबसे अहम काम है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन चीजों को हमेशा वाटरप्रूफ कवर से ढककर रखना चाहिए ताकि बारिश का पानी या नमी अंदर न जा सके। इसके साथ ही इन्वर्टर या बैटरी जहां रखे हों, वहां वेंटिलेशन यानी हवा का आवागमन भी अच्छा होना चाहिए। बंद जगह पर बैटरी जल्दी गर्म हो सकती है, जिससे उसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है और दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
मानसून में बैटरी की सही चार्जिंग आदतों को अपनाना भी जरूरी है। बैटरी को कभी भी पूरी तरह से डिस्चार्ज नहीं करना चाहिए और न ही लंबे समय तक चार्जिंग पर छोड़ना चाहिए। दोनों ही स्थितियां बैटरी की लाइफ को नुकसान पहुंचाती हैं। अगर आप इन्वर्टर को जरूरत से ज्यादा चलाएंगे, तो बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होगी और इसकी क्षमता घट सकती है। बैटरी के साथ यह भी ध्यान रखें कि टर्मिनल पर जमा धूल या जंग को समय-समय पर साफ करते रहें।
बारिश के मौसम में बिजली की कटौती ज्यादा होती है, जिससे लोग इन्वर्टर पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन इस मौसम में इन्वर्टर का इस्तेमाल जितना कम किया जाए, उतना अच्छा है। लगातार डिस्चार्ज और चार्ज से बैटरी पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे उसकी उम्र घट सकती है। अगर बहुत जरूरी न हो तो बड़े इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट जैसे फ्रिज, वॉशिंग मशीन या माइक्रोवेव को इन्वर्टर पर न चलाएं। इस तरह की सावधानियां अपनाकर आप अपने इन्वर्टर और बैटरी को सुरक्षित रख सकते हैं और लंबे समय तक इनका लाभ उठा सकते हैं।
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Author Name | Ashutosh Ojha
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