
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 03, 2025, 09:37 AM (IST)
NPCI New UPI Rules 2025
भारत में डिजिटल पेमेंट्स लगातार बढ़ रहे हैं और इसी के साथ सुरक्षा और प्राइवेसी की जरूरत भी तेजी से महसूस की जा रही है। इसी को देखते हुए Paytm ने हाल ही में एक नया फीचर पेश किया है, जिसमें यूजर्स अपनी पर्सनलाइज्ड UPI ID बना सकते हैं। इसका मतलब है कि अब ट्रांजैक्शन के दौरान आपके मोबाइल नंबर या ईमेल को सामने दिखाने की जरूरत नहीं होगी। इसके बजाय आपकी पहचान एक यूनिक अल्फान्यूमेरिक ID से होगी जैसे yourname@ptaxis या yourname@pthdfc, Google Pay (Google Pay) भी इसी तरह का फीचर जल्द शुरू करने की तैयारी में है।
Paytm ने शुरुआत में यह फीचर केवल Yes Bank और Axis Bank के ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया था, लेकिन अब इसे HDFC Bank और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) तक बढ़ा दिया गया है। एक बार जब कोई यूजर अपनी पर्सनलाइज्ड ID बना लेता है, तो वह उसके डिफॉल्ट फोन नंबर-आधारित UPI ID को हमेशा के लिए रिप्लेस कर देता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब पैसा भेजते या लेते समय किसी को आपका असली नंबर नहीं दिखेगा। इससे न सिर्फ यूजर की प्राइवेसी सुरक्षित होगी बल्कि ऑनलाइन धोखाधड़ी, स्पैम कॉल्स और अनचाहे संपर्क से भी बचाव होगा।
Google Pay पर यह फीचर अभी टेस्टिंग स्टेज पर है और सभी यूजर्स को उपलब्ध नहीं है, लेकिन कंपनी के अनुसार जल्द ही इसे अपडेट के जरिए सभी के लिए लाया जाएगा। Google Pay पर जब यह सुविधा आ जाएगी तो यूजर्स को केवल Profile Tab में जाकर Manage UPI IDs का ऑप्शन चुनना होगा और वहीं से वे अपनी कस्टम ID बना पाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे Paytm में आप Profile → UPI & Payment Settings → View UPI ID → Try Personalised UPI ID में जाकर अपनी पसंद का नाम डालकर उसे कन्फर्म कर सकते हैं। एक बार कस्टम ID एक्टिव होने के बाद, आपके ट्रांजैक्शन में केवल वही ID दिखाई देगी।
भारत में हर महीने 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन UPI के जरिए हो रहा है। इतनी बड़ी संख्या में होने वाले डिजिटल लेन-देन में Security और Privacy को लेकर सवाल अक्सर उठते रहे हैं। खासकर मोबाइल नंबर के खुलासे से जुड़े जोखिमों की वजह से कई यूजर्स असहज महसूस करते हैं। यही कारण है कि Paytm और Google Pay जैसी कंपनियां अब पर्सनलाइज्ड UPI ID का ऑप्शन दे रही हैं। यह फीचर न सिर्फ डिजिटल लेन-देन को और ज्यादा सुरक्षित बनाएगा बल्कि यूजर्स को एक पर्सनल और भरोसेमंद पहचान भी देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह सुविधा सभी UPI Apps पर अनिवार्य हो सकती है, जिससे भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम और भी मजबूत होगा।