
देशभर में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने स्मार्टफोन यूजर्स को सतर्क रहने की सलाह दी है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर दिन 6000 से ज्यादा लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं। इन मामलों में सबसे बड़ा योगदान फर्जी मोबाइल ऐप्स का है, जिन्हें डाउनलोड कर लोग अपनी पर्सनल जानकारी और पैसे गवां बैठते हैं। साइबर ठग लोगों को असली ऐप जैसा दिखने वाला नकली ऐप डाउनलोड करने के लिए बहकाते हैं, जिससे कुछ ही दिनों में भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
सरकार ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (National Cyber Crime Portal) पर एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि स्मार्टफोन यूजर्स को केवल भरोसेमंद सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करने चाहिए। एंड्रॉयड यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे केवल Google Play Store से ही ऐप्स इंस्टॉल करें, जबकि iPhone यूजर्स Apple App Store का ही इस्तेमाल करें। साथ ही, जब भी संभव हो, ऐप को सीधे उसके ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड करने की कोशिश करें, ताकि आप नकली ऐप के झांसे में न आएं।
सरकार ने चेतावनी दी है कि साइबर ठग फेमस ऐप्स की हूबहू कॉपी बनाकर लोगों को धोखा देते हैं। इन नकली ऐप्स को इंस्टॉल करते ही वे यूजर के फोन का एक्सेस ले लेते हैं और उनके बैंक डिटेल्स, OTP और निजी जानकारी चुरा लेते हैं। कई बार ये ऐप्स मोबाइल के कैमरा और माइक का भी गलत इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर का नाम, रिव्यू, रेटिंग और डाउनलोड संख्या जरूर चेक करें। अगर ऐप नया है और ज्यादा रिव्यू नहीं हैं, तो उसे इंस्टॉल करने से बचें।
एक बार ऐप इंस्टॉल हो जाने के बाद भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। ऐप को जितनी कम परमिशन दें, उतना बेहतर है। जैसे कि कैमरा, लोकेशन, माइक्रोफोन की परमिशन केवल तभी दें जब ऐप इस्तेमाल कर रहे हों, न कि हमेशा के लिए। इसके अलावा फोन में एक अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करें और समय-समय पर ऐप्स और सिस्टम को अपडेट करते रहें। किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसकी जानकारी जरूर जांचें। सतर्क रहकर ही हम अपने डेटा और पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप साइबर ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
Author Name | Ashutosh Ojha
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