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Google, Facebook, Youtube जैसे ऐप्स आपको कर रहे हैं ट्रैक? जानें कैसे बचें

Google, Facebook, Youtube जैसे प्लेटफॉर्म पर आपने टारगेटेड ऐड्स देखें होंगे, जो आपके फोन में सर्च किए गए आइटम और आपकी लोकेशन के आधार पर दिखते हैं। टेक कंपनियां इसके जरिए आपकी पसंद-नापसंद, लोकेशन आदि को ट्रैक करती हैं और ऐड टारगेट करती हैं।

Published By: Harshit Harsh

Published: Aug 22, 2023, 07:13 PM IST | Updated: Aug 23, 2023, 06:02 AM IST

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Story Highlights

  • Google, Facebook, Youtube जैसे प्लेटफॉर्म्स आपको टारगेटेड ऐड्स भेजते हैं।
  • आप अपने फोन में एक छोटी सेटिंग्स करके इन्हें बंद कर सकते हैं।
  • आपकी एक छोटी सी गलती से आपकी पसंद-नापसंद के साथ-साथ लोकेशन की जानकारी इन्हें मिलती रहती है।

Google, Facebook, Youtube जैसे ऐप्स आम तौर पर यूजर्स के स्मार्टफोन में आपको जरूर मिल जाएंगे। आप कुछ भी गूगल पर सर्च करते हैं, तो आपको फेसबुक पर उससे संबंधित कोई ऐड दिखने लगता है। यूट्यूब पर आपको उससे संबंधित वीडियो के सजेशन मिलने लगते हैं। क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आपने गलती से इन प्लेटफॉर्म पर कुछ भी सर्च कर लिया या फिर कोई वीडियो देख ली, तो आपको उनसे जुड़े ऐडवर्टिजमेंट्स दिखते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ये कंपनियां आपको ऐड दिखाकर रेवेन्यू कमाती है, जिसकी वजह से इन टेक कंपनियों का कारोबार चलता है।

यूजर्स अपने फोन में एक छोटी सी सेटिंग्स करके दिखने वाले ऐड और सजेशन को बंद कर सकते हैं। दुनियाभर की सरकारों और एजेंसियों के दबाब के बाद सोशल मीडिया और टेक कंपनियां यूजर्स को प्राइवेसी सेटिंग्स करने का विकल्प देती हैं। आइए, जानते हैं इन प्राइवेसी सेटिंग्स के बारे में…

कभी न दें परमिशन

– अगर, आप अपने फोन में कोई भी ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं, तो उन्हें कॉन्टैक्ट्स, फाइल्स, लोकेशन आदि को एक्सेस करने का परमिशन कभी न दें। कई ऐप्स ऐसे होते हैं, जो आपके लोकेशन, फोन में मौजूद फाइल्स और कॉन्टैक्ट्स का एक्सेस लेकर आपको लगातार ट्रैक करते रहते हैं। यही नहीं, कई ऐप्स ऐसे भी होते हैं, जिनमें ब्लॉटवेयर यानी ऐसे वायरस मौजूद होते हैं, जो आपके फोन का डेटा ऐप डेवलपर्स को ट्रांसफर करते रहते हैं। परमिशन नहीं मिलने पर ये ऐप्स आपके डिवाइस का डेटा एक्सेस नहीं कर पाएंगे।

– मान लीजिए गलती से आपने ऐप को परमिशन दे दिया है, तो उसे हटाने के लिए आपको फोन की सेटिंग्स में जाना होगा। इसके बार मैनेज परमिशन वाले ऑप्शन में जाकर यह देख पाएंगे कि किस ऐप को कौन का परमिशन मिला हुआ है। इसके बाद आप उन ऐप्स की परमिशन सेटिंग्स को बदल सकेंगे। ऐसा करने के बाद वो ऐप्स आपके फोन के डेटा, लोकेशन आदि को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।

Android स्मार्टफोन में गूगल के कई ऐप्स पहले से ही प्री-इंस्टॉल्ड होते हैं, जिनमें गूगल सर्च, यूट्यूब आदि शामिल हैं। इन ऐप्स का परमिशन भी आप फोन की सेटिंग्स में जाकर मैनेज कर सकेंगे।

पर्सनलाइज्ड ऐड्स कैसे यूजर को करते हैं टारगेट?

इसके लिए सोशल मीडिया और टेक कंपनियां यूजर के डिवाइस में इंस्टॉल्ड ब्राउजर से कूकीज के जरिए सर्च रिजल्ट के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। यही नहीं, ये ब्लॉटवेयर आपके डिवाइस के IP (इंटरनेट प्रोटोकॉल) अड्रेस के जरिए आपके लोकेशन आदि की जानकारी कलेक्ट कर लेते हैं। जिसकी वजह से इन कंपनियों को टारगेटेड ऐड करने में मदद मिलती है।

– अगर, आप अपने फोन में Google Chrome या कोई भी ब्राउजर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उनकी सेटिंग्स में जाएं और एडवांस सेटिंग्स में मौजूद कॉन्टेंट सेटिंग्स में जाकर कूकीज को डिसेबल कर दें। ऐसा करने से आपको टारगेटेड ऐड्स नहीं दिखेंगे।

– इसके अलावा आप ऐड ब्लॉकर थर्ड पार्टी प्लग-इन्स को भी ब्राउजर में इंस्टॉल कर सकते हैं, जो ऐड्स को ब्लॉक कर देता है।

– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि Facebook के लिए आपको अपने प्रोफाइल में जाकर सेटिंग्स में जाना होगा। यहां आपको फेसबुक ऐड्स का ऑप्शन मिलेगा, जिसे आप ऑफ कर सकते हैं।

TRENDING NOW

इस तरह से आप खुद को और अपने मोबाइल फोन को ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा ट्रैक करने और टारगेटेड ऐड्स मिलने से रोक सकते हैं।

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Author Name | Harshit Harsh

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