
TRAI का मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियन आज यानी 11 दिसंबर, 2024 को आखिरकार लागू कर दिया गया है। इसे काफी समय पहले लागू किया जाना था। हालांकि, टेलीकॉम ऑपरेटर्स की मांग पर ट्राई ने इसकी डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया था। इस नियम को SMS के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए लाया गया है। ट्राई के इस नियम से 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को काफी हद तक फ्रॉड से रोका जा सकेगा। आइये, जानते हैं आखिर क्या है TRAI Traceability Rule और यह किस तरह से लोगों के लिए फायदेमंद होगा।
TRAI Traceability Rule के जरिए मोबाइल यूजर्स के फोन पर आने वाले SMS के सेंडर को ट्रेस किया जाएगा। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI का यह नियम ऐसे मैसेज को रोकेगा, जिसमें टेलीमार्केटर्स द्वारा निर्धारित नंबर सीरीज का यूज नहीं किया जाएगा।
इससे फर्जी कमर्शियल मैसेज को यूजर्स तक पहुंचने से रोका जाएगा। साथ ही, इसे नेटवर्क लेवल पर भी ब्लॉक किया जाएगा। इससे न सिर्फ यूजर्स के साथ होने वाले फ्रॉड का खतरा भी कम होगा। साथ ही साथ मैसेज भेजे जाने वाले हैकर्स को ट्रेस किया जा सकेगा। अब टेलीकॉम कंपनियों को यूजर्स के मैसेज पर आने वाले हर सेंडर की पूरी डिटेल रखनी होगी।
इस नियम के कारण OTP मिलने में देरी होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, TRAI ने ऑफिशियल तौर पर कहा है कि इस नियम से यूजर के मोबाइल पर OTP मिलने में कोई देरी नहीं होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले यह नियम 1 नवंबर, 2024 को लागू किया जाना था, लेकिन ट्राई ने इसे एक महीने आगे बढ़ाकर 30 नवंबर, 2024 कर दिया था। हालांकि, इसके बाद भी स्टेकहोल्डर्स की तैयारियां पूरी नहीं हुई थी, जिसके चलते इसे फिर से बढ़ाकर 10 दिसंबर, 2024 तक कर दिया गया था। अब यह आखिरकार लंबे समय के बाद आज रिलीज कर दिया गया है।
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