
TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों Airtel, Jio, Vi और BSNL से अनचाहे मार्केटिंग कॉल्स को रोकने के लिए कहा है। सोमवार 27 मार्च को टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ प्राधिकरण ने बैठक की है, जिसमें यूजर्स को बैंक एवं अन्य अनचाहे मार्केटिंग कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए कहा गया है। ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से टेलीमार्केटिंग में जो टेम्पलेट इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं, उन्हें साफ करने के लिए कहा है। साथ ही, अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन्स (UCC) को रोकने के लिए कहा है। कई बार ये कॉल्स फ्रॉड और स्कैम को बढ़ावा देते हैं।
TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के साथ रिव्यू मीटिंग की है ताकि UCC का आसानी से पता लगाया जा सके। इस मीटिंग के दौरान वोडाफोन-आइडिया ने एक प्रजेंटेशन दिया, जिसमें AI/ML यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके मार्केटिंग कॉल्स के पैटर्न का विशलेषण किया जा सके। एडवांस टूल के जरिए यूजर्स के मोबाइल नंबर पर क्रिमिनल्स के द्वारा फ्रॉड मैसेज और कॉल्स की जांच की जा सके।
ट्राई ने प्रजेंटेशन के बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस टूल का इस्तेमाल करने के लिए दिया है। अगर, यह टूल कामयाब हो जाता है और रेगुलेटर्स और इंडस्ट्री के लिए अनचाहे कॉल्स रोकने में कामयाब हो जाता है तो अन्य टेलीकॉम कंपनियों को भी इसे इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा। UCC डिकेक्ट सिस्टम को इस नए टूल से जांचने की डेडलाइन 1 मई रखी गई है।
TRAI के चेयरमैन पी डी वाघेला ने कहा कि हमने सभी टेलीकॉम कंपनियों को स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वो फ्रॉड कॉल और मैसेज को रोकने के लिए एक इंटिग्रेटेड सिस्टम तैयार करे। टेलीकॉम कंपनियां इस पर काम कर रही हैं, लेकिन और ज्यादा काम करने की जरूरत है। 1 मई तक ब्लॉकचेन बेस्ड DLT सिस्टम को वॉइस कॉल्स के लिए इंप्लीमेंट किया जाएगा। इसके अलावा ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को फर्जी मैसेज और कॉल्स वाले टेम्लेट को तत्काल प्रभाव से हटाए।
टेलीकॉम रेगुलेटर चाहता है कि बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स और अन्य पब्लिक एनटिटीज अपने भेजे जाने वाले SMS के हेडर्स और टेम्पलेट्स को तत्काल प्रभाव से बदलें। अगर, ये कंपनियां ऐसा करने में असफल रहती हैं तो रेगूलेटर डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) सिस्टम में मैसेज को ब्लॉक कर देगा। सभी एंटिटीज को हेडर्स और टेम्पलेट्स हटाने के लिए क्रमशः 30 और 60 दिनों की मोहलत दी गई है।
TRAI का यह कदम गृह मंत्रालय को यूजर्स से फ्रॉड कॉल्स और स्कैम से मिली शिकायतों के बाद उठा है। इससे पहले भी रेगूलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को फर्जी SMS पर लगाम लगाने के लिए DLT सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए कहा था। अब इस सिस्टम को कॉल्स के लिए भी लाया जाएगा।
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