
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 01, 2025, 04:10 PM (IST)
MPL
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म MPL भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने यह जानकारी अपने कर्मचारियों को ईमेल के जरिए दी है। MPL के CEO साई श्रीनिवास ने बताया कि नए कानून के कारण कंपनी अब भारत से कोई रेवेन्यू नहीं कमाएगी, इसलिए भारत में अपने स्टाफ में कटौती करना जरूरी हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, MPL लगभग 60 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकती है, जो करीब 300 कर्मचारियों के बराबर है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर रोक लगाने के लिए नया कानून पेश किया है। इसके चलते भारत में फैंटेसी क्रिकेट, रम्मी और पोकर जैसे रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म बंद हो गए हैं। इस कानून का उद्देश्य उन लोगों को वित्तीय नुकसान से बचाना है, जो इन गेम्स में पैसा लगाते हैं। MPL समेत बाकी रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म इस बदलाव से सीधे प्रभावित हुए हैं। एक्सपर्ट्स का अनुमान था कि 2029 तक ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री 3.6 अरब डॉलर की हो सकती है, लेकिन नए नियमों के चलते यह लक्ष्य प्रभावित होगा।
MPL का कहना है कि कंपनी अब फ्री-टू-प्ले गेम्स पर अपना ध्यान बढ़ाएगी और रियल मनी गेमिंग के लिए अमेरिका जैसे देशों में अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी के सूत्रों के अनुसार, छंटनी मार्केटिंग, फाइनेंस, लीगल, इंजीनियरिंग और ऑपरेशंस डिपार्टमेंट से हो सकती है। MPL का कहना है कि भारत से उनकी कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा आता था। नए कानून के लागू होने के बाद भारत से कोई रेवेन्यू नहीं मिलने के कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है।
रॉयटर्स ने इस बारे में MPL से सवाल पूछे, लेकिन कंपनी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। पहले ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में MPL और Dream11 जैसे प्लेटफॉर्म बहुत फेमस थे। लोग इन प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाकर इनाम जीतते थे। नए कानून के बाद यह स्थिति बदल गई है और कई कर्मचारियों की नौकरी भी इस बदलाव का शिकार होगी। MPL की इस छंटनी से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर असर देखने को मिलेगा और बाकी कंपनियों को भी अपने मॉडल पर विचार करना पड़ सकता है।