Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Jun 14, 2023, 11:03 AM (IST)
टेक जाइंट Meta ने शोधकर्ताओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित इमेज क्रिएशन मॉडल पेश किया है, जिसका नाम ‘I-JEPA’ है। इसकी खूबी है कि यह अधूरी इमेज के बैकग्राउंड को समझकर उसका सटीक तरीके से पूरा करता है। कंपनी का कहना है कि यह मॉडल इंसानों की तरह काम करता है और यह मौजूदा मॉडल की तुलना में काफी बेहतर है। और पढें: Oakley Meta HSTN: 1 दिसंबर को लॉन्च होगा AI चशमा, UPI पेमेंट के साथ-साथ कर सकेंगे हिंदी में बात
मेटा ने बताया कि I-JEPA इमेज क्रिएशन मॉडल आधी अधूरी तस्वीरों को कम समय में कंप्लीट करता है। यह अन्य जनरेटिव AI मॉडल से बेहतर है, जो आधी इमेज को पूर्ण करने के लिए केवल आसपास के पिक्सल का सहारा लेते हैं। इस मॉडल को तैयार करने में कंपनी के टॉप AI वैज्ञानिक Yann LeCun का बड़ा हाथ है। उनका मानना है कि यह इमेज क्रिएशन मॉडल फोटो बनाते वक्त जरा सी भी गलती नहीं करेगा, जो अन्य AI मॉडल कई बार कर देते हैं। और पढें: Ray-Ban Meta Gen 1 ग्लासेस की सेल भारत में शुरू, पहली सेल में हजारों की छूट में खरीदने का मौका
बता दें कि लेकन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉडफादर में से एक माना गया है। उन्होंने ही ‘AI doomerism’ के खिलाफ आवाज उठाई और इस टेक्नोलॉजी में सुरक्षा जांच के निर्माण के पक्ष में तर्क दिया। और पढें: WhatsApp यूजर्स के लिए चेतावनी, पाई गई बड़ी सुरक्षा खामी, अरबों फोन नंबर हुए लीक?
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का कहना है कि कंपनी द्वारा बनाए गए मॉडल से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, कंपनी की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और लागत को कम किया जा सकेगा। इस तरह के मॉडल से कंपनी को बहुत फायदा होगा।
मेटा के हाल ही में लॉन्च हुए मेटामेट चैटबॉट की बात करें, तो यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है। इसे खासतौर पर कंपनी के कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया है। चैटबॉट कर्मचारियों को मीटिंग के प्वाइंट कलेक्ट करने, कोड लिखने और सुविधाओं को डिबग करने में सहायता करता है।
इस चैटबॉट को छोटे ग्रुप के लिए रोल आउट किया गया है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे सभी कर्मचारियों के लिए रिलीज कर दिया जाएगा।
आपको याद दिला दें कि मेटा ने पिछले साल दिसंबर में आतंकवाद, बाल शोषण और कंपनी के नियमों का उल्लघंन करने वाले कंटेंट पर रोक लगाने के लिए Hasher-Matcher-Actioner नाम का टूल पेश किया था।
इस टूल प्लेटफॉर्म पर मौजूद खराब कंटेंट की पहचान करके अपने आप हटाता है। इस टूल को ओपन-सोर्स इमेज एंड वीडियो मैचिंग सॉफ्टवेयर के आधार पर बनाया गया है। कंपनी का मानना है कि इस टूल के आने से प्लेटफॉर्म काफी सिक्योर हो जाएगा।