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अब सेल्फी अपलोड करके दे पाएंगे वोट, नहीं दिखाना पड़ेगा कोई आईडी कार्ड

Karnataka elections 2023: देश में पहली बार किसी विधानसभा चुनाव के दौरान Facial recognition तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस सिस्टम की बदौलत लाइन में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा और इसके लिए सेल्फी को अपलोड करना होगा।

Published By: Rohit Kumar | Published: May 08, 2023, 12:57 PM (IST)

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Highlights

  • Chunavana मोबाइल ऐप्लीकेशन इंस्टॉल किया है।
  • ऐप में फोन नंबर समेत ये डिटेल्स देनी होगी।
  • वोटर को सेल्फी अपलोड करनी पड़ेगी।
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Karnataka elections 2023: भारत चुनाव आयोग Karnataka elections 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस साल लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। किसी विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव आयोग Facial recognition तकनीक का इस्तेमाल करेगा। आयोग का दावा है कि इससे वेरिफिकेशन में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा। कर्नाटक में 10 मई को 224 सीट पर चुनाव हैं और काउटिंग 13 मई की होगी।

इस तकनीक का इस्तेमाल ऐसे समय किया जा रहा है, जब भारत समेत दुनियाभर में ऑनलाइन प्राइवेसी को लेकर लोग जागरुक हो रहे हैं और अपनी फोटो आदि को कहीं भी शेयर करने से पहले दो बार जरूर सोच रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग का इस लेटेस्ट तकनीक इस्तेमाल करने का उद्देश्य वोटिंग प्रोसेस को कम करना है।

कैसे करेगा काम

चुनाव आयोग द्वारा शेयर जानकारी में बताया है कि जिन पोलिंग स्टेशन पर इसकी व्यवस्था है, वहां वोट डालने वाले लोगों को आने से पहले Chunavana mobile application को स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना होगा। इसके बाद यूजर्स को अपना इलेक्शन फोटो आईडेंटी कार्ड नंबर (EPIC) एंटर करना होगा। इसके साथ ही मोबाइल नंबर और ओटीपी एंटर करना होगा। इसके बाद ऐप में अपना सेल्फी अपलोड करना होगा।

Chunavana mobile application का इंटरफेस।

इसके बाद जब वे पोलिंग स्टेशन पर पहुंचेंगे तो उनका फेशियल रेकॉग्निशन सिस्टम की मदद से फोटो डाटाबेस से मैच कर लिया जाएगा। मैचिंग प्रोसेस पूरा होने के बाद मतदाता बगैर कोई आईडी दिखाए अपना वोट डाल सकता है। चुनाव आयोग का दावा है कि ऐसे में यूजर्स को बेवजह में लगने वाली लंबी-लंबी लाइनों को कम करने में मिलेंगी।

ऊपर ऐप का इंटरफेस लिस्टेड किया है, जिससे पता चलता है कि इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। चुनाव आयोग ने इसमें सिंपल यूजर इंटरफेस रखने की कोशिश की है, ताकि तकनीक की कम जानकारी लोग वाले इसे इस्तेमाल कर पाएंगे।