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ISRO का बड़ा कारनामा, GSLV-F15 के साथ NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्च

ISRO (Indian Space Research Organisation) ने GSLV-F15 के साथ NVS-02 2nd Gen NavIC सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया है। इससे नेविगेशन सेवाएं बेहतर हो जाएंगी। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आर्टिकल पढ़ें।

Published By: Ajay Verma | Published: Jan 29, 2025, 09:47 AM (IST)

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ISRO (Indian Space Research Organisation) ने आज यानी 29 जनवरी 2025 को अपने 100वें लॉन्च के साथ बड़ा इतिहास रच दिया है। भारतीय स्पेस एजेंसी ने आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV-F15 के साथ NVS-02 2nd Gen NavIC सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इससे भारतीय नेविगेशन बहुत मजबूत हो जाएगा। इसे भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। news और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?

NVS-02 की खासियत

ISRO के अनुसार, NVS-02 सैटेलाइट को 36 हजार किलोमीटर दूर स्थापित किया गया है, जहां अब सैटेलाइट की संख्या 4 की जगह 5 हो जाएगी। इसके पहुंचने से नेविगेशन सिस्टम बहुत स्ट्रॉन्ग हो जाएगा। यह सिस्टम कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक कवर करेगा। इससे हवाई, समुद्री और सड़क के रास्ते को नेविगेट करना बहुत आसान हो जाएगा। news और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी

नेविगेशन के अलावा इस भारतीय सिस्टम का इस्तेमाल आपातकालीन सर्विस और मोबाइल फोन्स में भी किया जा सकेगा। इससे नाविक से मिलने वाली सेवाएं बहुत बेहतर हो जाएंगी। आपको बता दें कि इस सैटेलाइट का वजन 2250 किलोग्राम है। इसमें स्वदेशी और इंपोर्ट की गई रुबिडियम एटॉमिक क्लॉक का उपयोग किया गया है। इसकी लाइफ साइकल 12 साल की है।

2025 का पहला मिशन

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का यह नए साल में पहला मिशन है। इसे वी नारायणन की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है, जिसने अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट डॉक किए हैं। इससे पहले रशिया, अमेरिका और चीन ने यह कारनामा किया था।