
Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 23, 2025, 12:01 PM (IST)
Government proposes Mandatory AI Content Labeling Rules
सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया पर फैलती झूठी जानकारी और डीपफेक (deepfake) जैसी चीजों को रोकने के लिए नए नियम पेश किए हैं। इन नियमों के अनुसार, अब किसी भी AI से बनाई गई चीजों पर स्पष्ट लेबल लगाना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि फेसबुक, यूट्यूब जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स को झूठी जानकारी की जांच करने और उसे मार्क करने की अधिक जिम्मेदारी उठानी होगी। IT मंत्रालय ने कहा कि फेक ऑडियो, वीडियो और बाकी झूठी चीजें तेजी से फैल रही है, जिससे लोग और समाज प्रभावित हो सकते हैं। ये चीजें चुनाव, वित्तीय धोखाधड़ी या किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकती है।
नए नियमों के अनुसार प्लेटफॉर्म्स को AI द्वारा बनाई गई चीजों पर लेबल लगाना अनिवार्य होगा। लेबल को स्पष्ट रूप से दिखाना होगा, जैसे कि वीडियो के शुरुआती 10 प्रतिशत हिस्से या ऑडियो क्लिप के पहले 10 प्रतिशत समय में। इसके अलावा प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स सही जानकारी दर्ज करें कि क्या चीजें AI है। किसी भी लेबल या पहचान चिन्ह को छुपाना, बदलना या हटाना भी मना होगा। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘यूजर्स को पता होना चाहिए कि वे जो देख रहे हैं, वह असली है या AI’ इस कदम से सोशल मीडिया पर झूठी और असली चोजों में स्पष्ट अंतर दिखाई देगा।
IT मंत्रालय ने बताया कि इन नियमों का मकसद बड़े प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी बढ़ाना और झूठी जानकारी के फैलाव को रोकना है। ये नियम विशेष रूप से उन प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे जिनके 5 मिलियन या उससे अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। नए नियमों के अनुसार, synthetically generated content वह कंटेंट है जिसे कंप्यूटर या किसी प्रोग्राम की मदद से असली जैसा बनाया या बदल दिया गया हो। अगर बड़े प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें वो सुरक्षा (safe harbor) का फायदा नहीं मिलेगा, जो उन्हें कानूनी परेशानी से बचाता है।
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सोशल मीडिया के बड़े बाजारों में से एक है। हाल ही में AI से बने डीपफेक मामले सामने आए हैं, जैसे कि साधगुरु के फेक गिरफ्तारी वाले विज्ञापन और ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन के फेक वीडियो केस। IT मंत्रालय ने कहा कि जैसे ही कोई प्लेटफॉर्म AI द्वारा बनाई गई चीजों को नोटिस करता है, तो उसे वायरल होने से रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। इन नियमों से लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी और झूठी खबरें फैलने से रोकी जा सकेगी।