
भारत सरकार (Indian government) ने Microsoft Edge ब्राउजर यूजर्स के लिए एक नई चेतावनी जारी की है। सरकार के मुताबिक Edge यूजर्स बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं। Microsoft Edge ब्राउजर Window PC के साथ पहले से इंस्टॉल आता है। हालांकि कई लोग इसका इस्तेमाल सिर्फ Google Chrome डाउनलोड करने के लिए करते हैं।
Google Chrome की तुलना में Microsoft Edge का यूजर बेस बहुत कम है, लेकिन यह क्रिएटिव अलर्ट और पॉप-अप के साथ धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है। पिछले कुछ सालों में, क्रोमियम बेस में काफी सुधार हुआ है। वहीं Microsoft यूजर्स को सिक्योर रखने और नए फीचर्स को जोड़ने के लिए Edge ब्राउजर के लिए अपडेट रोल आउट कर रह है।
टेक कंपनियां यूजर्स को अपने ब्राउजर का लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं, लेकिन कुछ यूजर उपयोग में आसानी के लिए पुराने वर्जन को चलाने का ऑप्शन चुनते हैं। फिर भी यह ध्यान देने योग्य है कि ब्राउजर के पुराने वर्जन का फायदा उठाना हैकर्स के लिए काफी आसान है। Microsoft Edge ब्राउजर में ऐसी ही कुछ खामियां देखी गई हैं। भारत सरकार ने 110.0.1587.41 से पहले के Edge ब्राउजर वर्जन के यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (CERT-In) ने खुलासा किया है कि Microsoft Edge में कुछ खामियां पाई गई हैं। इनका फायदा उठाकर हैकर दूर से ही (रिमोटली) डिनायल ऑफ सर्विस (डीओएस), रिमोट कोड एग्जिक्यूट करने की इजाजत पा सकता है।
CERT-In के मुताबिक, ये बग्स Microsoft Edge में मौजूद हैं। एक अटैकर किसी यूजर को खास तरीके से बनाए गए कंटेंट को ओपन करने के लिए राजी करके इन खामियों का फायदा उठा सकता है। इन खामियों की मदद से अटैकर डिनायल ऑफ सर्विस (DOS), रिमोट कोड एग्जीक्यूशन, प्रीविलेज एलिवेशन, सिक्योरिटी रिस्ट्रिक्शन बाईपास और टारगेट सिस्टम पर इन्फॉर्मेशन डिस्क्लोजर की परमीशन पा सकता है। किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए, यूजर्स को अपने एज ब्राउजर को अपडेट करना चाहिए।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Swati Jha
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