
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अब झांसा देने वाले विज्ञापन डालना महंगा पड़ सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ-साथ कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। इनके तहत अब प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट का प्रचार करने वाले हर एक सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंर को ये बताना होगा कि उन्होंने पैसा लेकर किसी प्रोडक्ट को इंडोर्स किया है। इसके अलावा ये भी बताना होगा कि इंडोर्समेंट के पीछे उनका फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है या नहीं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग (Ministry of Consumer Affairs) ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत नई गाइडलाइन जारी की हैं। विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि हमारा मकसद है कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे, इसलिए इन नियमों को लागू किया गया है।
नई गाइडलाइन के तहत अब हर एक सेलिब्रिटी, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और वर्चुअल इन्फ्लुएंसर को बताना होगा कि प्रोडक्ट इंडोर्समेंट पेड है या अनपेड है। इसकी जानकारी इन्फ्लुएंसर को वीडियो में देनी होगी। साथ ही ये भी बताना होगा कि वह उस प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं या नहीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार की नई गाइडलाइन लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होगी। इसमें भी सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर को प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी देनी होगी।
मंत्रालय के अनुसार, अगर कोई गाइडलाइन का उल्लघन करता है तो उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, बार-बार उल्लघन करने पर 50 लाख रुपये तक का फाइन लगाया जा सकता है। साथ ही, 6 वर्ष तक प्रोडक्ट के प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है।
सोशल मीडिया मार्केटिंग बड़े ब्रांड्स के बीच बहुत पॉपुलर है। अब लगभग सभी कंपनियां अपने लेटेस्ट प्रोडक्ट्स का प्रचार सोशल मीडिया पर करती हैं। बता दें कि साल 2020 में सोशल मीडिया बाजार 1,275 करोड़ रुपये का था, जिसके 2025 तक 20 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
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