
Google ने पिछले साल Android पर प्राइवेसी सैंडबॉक्स बनाने के लिए मल्टी-ईयर इनीशिएटिव की अनाउंसमेंट की थी। इसे पीछे कंपनी का इरादा थर्ड पार्टी के साथ यूजर डेटा शेयरिंग को लिमिट करके और क्रॉस-ऐप आइडेंटिटीफायर के बिना बेहतर प्राइवेट एडवरटाइजिंग सॉल्यूशन देना है। कंपनी ने अब अनाउंसमेंट की है कि वह टेस्टिंग के लिए पहला बीटा वर्जन जारी कर रही है।
Google Privacy Sandbox के लिए पहला बीटा लिमिटेड नंबर में Android 13 डिवाइस के लिए रोल आउट करना शुरू कर देगा। बीटा को बाद में और अधिक यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं टेस्टिंग में हिस्सा लेने के लिए अधिक डिवाइस को सलेक्ट किया जाएगा। इन डिवाइस के यूजर्स को उनकी एलिजिबिलिटी के बारे में Android नोटिफिकेशन मिलेगा।
Google के प्राइवेसी सैंडबॉक्स वॉइस प्रेसीडेंट एंथनी चावेज ने कहा, “प्राइवेसी सैंडबॉक्स बीटा नए API के साथ आता है जो कोर में प्राइवेसी के साथ डिजाइन किए गए हैं। ये उन आइडेंटिटीफायर का इस्तेमाल नहीं करते हैं जो ऐप और वेबसाइट्स पर आपकी एक्टिविटी को ट्रैक कर सकते हैं। ऐप जो बीटा में हिस्स लेना चुनते हैं, वो आपको रेलीवेंट ऐड दिखाने के लिए इन API का इस्तेमाल कर सकते हैं।”
Android के लिए Google का प्राइवेसी सैंडबॉक्स काफी हद तक Apple के ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी जैसा है, जिसे iOS 14.5 अपडेट के साथ जारी किया था। यह फीचर iPhone यूजर्स को यह तय करने में मदद करता है कि कौन सी कंपनी उन्हें और उनके डेटा को अलग-अलग ऐप और वेबसाइट्स पर ट्रैक कर सकती है। ऐसा करने से पहले इन कंपनियों को परमीशन लेनी होती है। अपडेट से पहले, डेवलपर्स ऐप के भीतर से यूजर डेटा को ट्रैक करने के लिए टूल का इस्तेमाल कर सकते थे।
इस जानकारी के आधार पर, एडवरटाइजर के साथ टारगेट करने के लिए यूजर्स की प्रोफाइल की पहचान कर सकते थे। अगर यूजर परमीशन से इनकार करते हैं, तो डेवलपर और एडवरटाइजर यूजर डेटा को ट्रैक नहीं कर पाएंगे।
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