
भारत में जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन एक्टिविटी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी और साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे समय में गूगल ने भारत के लिए खास “सेफ्टी चार्टर” पेश किया है, जिसमें AI की मदद से ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के नए तरीके शामिल हैं। इस चार्टर का मकसद यूजर्स को सुरक्षित इंटरनेट एक्सपीरियंस देना है। चाहे बात फर्जी वेबसाइट की हो या स्कैम मैसेज की गूगल अब हर मोर्चे पर हाईटेक टेक्नोलॉजी के साथ तैयार है।
गूगल ने भारत के लिए एक खास “सेफ्टी चार्टर” लॉन्च किया है, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से निपटने के लिए AI टेक्नोलॉजी पर जोर देता है। कंपनी का मानना है कि भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाए रखना जरूरी है। इस पहल के तहत गूगल अपने प्रोडक्ट्स, प्रोग्राम्स और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में AI का इस्तेमाल करके खतरों की पहचान और रोकथाम कर रहा है। कंपनी ने यह भी बताया कि आज के समय में साइबर अपराधी भी AI का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी को और भी आसान बना रहे हैं।
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि वह अपनी कई सेवाओं में AI की मदद से 20 गुना ज्यादा फ्रॉड वेबपेज पहचान रहा है और 80% से ज्यादा फर्जी वेबसाइटों को सर्च रिजल्ट से पहले ही ब्लॉक कर दे रहा है। Google Messages में भी एक नया AI फीचर आया है, जो हर महीने 500 करोड़ से ज्यादा संदिग्ध मैसेज को पहचान लेता है और यूजर को अलर्ट करता है। Google Pay में AI ने अब तक 4 करोड़ 10 लाख बार फ्रॉड ट्रांजैक्शन का अलर्ट दिया है ताकि लोग धोखा खाने से बच सकें। Google Play Store ने 6 करोड़ हाई-रिस्क ऐप इंस्टॉल होने से रोका, जिसमें 2.2 लाख अलग-अलग ऐप्स शामिल थे, जो 1.3 करोड़ डिवाइसेज पर इंस्टॉल हो रहे थे।
गूगल ने भारत सरकार के साथ मिलकर एक नई पहल शुरू की है ताकि लोगों को साइबर अपराध (ऑनलाइन धोखाधड़ी) से बचाया जा सके। इसके लिए गूगल ने DigiKavach प्रोग्राम और साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) के साथ पार्टनरशिप की है। इस पहल के तहत आने वाले कुछ महीनों में लोगों को धीरे-धीरे ऑनलाइन ठगी से बचने के आसान तरीके बताए जाएंगे। गूगल ने ये भी बताया कि उसने 247 मिलियन यानी 24 करोड़ 70 लाख फर्जी विज्ञापन हटा दिए हैं और 29 लाख से ज्यादा फ्रॉड अकाउंट्स को बंद कर दिया है, जो उसके नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। यानि अब गूगल और सरकार मिलकर इंटरनेट को और ज्यादा सुरक्षित बना रहे हैं।
गूगल ने “Project Zero” और DeepMind के साथ मिलकर SQLite सॉफ्टवेयर में छिपी कमजोरियों को ढूंढ निकाला है, जिनका हैकर गलत फायदा उठा सकते थे। इसके अलावा गूगल IIT मद्रास के साथ मिलकर Post-Quantum Cryptography पर भी रिसर्च कर रहा है, जो भविष्य में क्वांटम कंप्यूटर से होने वाले खतरों से बचाने के लिए जरूरी है। AI का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए गूगल ने SynthID नाम की टेक्नोलॉजी बनाई है। इससे AI से बने टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो में एक छुपा हुआ वॉटरमार्क डाला जाता है, जिससे पता चल सके कि वह असली है या AI से बना है। इसके अलावा गूगल के Gemini चैटबॉट में एक नया फीचर “डबल-चेक” जोड़ा गया है, जिससे यूजर खुद यह देख सकते हैं कि दी गई जानकारी सही है या नहीं। गूगल की यह सभी कोशिशें भारत में बढ़ते डिजिटल खतरों को ध्यान में रखकर की जा रही हैं, ताकि लोग इंटरनेट पर और ज्यादा सुरक्षित महसूस करें।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Ashutosh Ojha
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