Written By Harshit Harsh
Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Aug 08, 2023, 10:18 AM (IST)
Google पर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगा है। सोमवार 7 अगस्त को कैलिफॉर्निया अदालत के जज ने टेक कंपनी के पिटीशन को नकार दिया, जिसमें कंपनी पर गलत तरीके से लोगों की प्राइवेट ब्राउसिंग डेटा स्टोर करने का आरोप लगा था। गूगल पर एक यूजर ने आरोप लगाया है कि टेक कंपनी गूगल क्रोम में दिए गए प्राइवेट ब्राउजिंग मोड (Incognito Mode) में यूजर की सर्च हिस्ट्री को स्टोर करती है। इसमें मौजूद गूगल कूकीज, एनालिटिक्स और टूल की मदद से प्राइवेट ब्राउजिंग मोड में भी इंटरनेट ब्राउजिंग एक्टिविटी ट्रैक होती रहती है। और पढें: Android यूजर्स के लिए खुशखबरी, Google Chrome में जल्द आने वाला है ये शानदार फीचर
TheVerge की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के कैलिफॉर्निया अदालत के जज योन गोंजालेज रॉजर्स (Yvonne Gonzalez-Rogers) ने क्रोम प्राइवेटी नोट, प्राइवेसी पॉलिसी, इंकॉग्निटो स्पलैश स्करीन और सर्च एवं प्राइवेट ब्राउजिंग हेल्प पेज का हवाला देते हुए कहा है कि किस तरह से इंकॉग्निटो मोड में किस तरह से यूजर की जानकारियां स्टोर की जाती है और इसे कैसे कंट्रोल किया जाता है। जज ने गूगल द्वारा यूजर डेटा कलेक्शन के दावे को गलत ठहराया है, जिसमें कहा गया है कि गूगल प्राइवेसी मोड में की गई ब्राउजिंग हिस्ट्री का इस्तेमाल नहीं करता है। और पढें: Google Chrome यूज करने वाले तुरंत करें ये काम, भारत सरकार ने दी बड़ी सुरक्षा चेतावनी
गूगल के प्रवक्ता ने इस पर सफाई देते हुए कहा है हम यूजर के दावे को सही नहीं मानते हैं। क्रोम में दिया गया Incognito Mode फीचर यूजर को इंटरनेट पर प्राइवेट ब्राउजिंग करने की आजादी देता है। यह यूजर की प्राइवेट ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिवाइस में स्टोर नहीं करता है। ऐसा हम कहते आ रहे हैं कि आप जितनी बार प्राइवेट ब्राउजिंग मोड में टैब ओपन करेंगे इसमें ब्राउजर आपके सेशन के दौरान ब्राउजिंग एक्टिविटी से संबंधित जानकारी कलेक्ट कर सकती है। और पढें: Google Chrome में आया Gemini AI, मिलेंगे ये शानदार फीचर्स रोजमर्रा के काम भी होगा आसान
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि गूगल यूजर के रेगुलर और प्राइवेट ब्राउजिंग डेटा को एक ही लॉग में स्टोर करता है, इस मिक्स्ड लॉग का इस्तेमाल यूजर को पर्सनलाइज्ड ऐड भेजने के लिए किया जाता है। जज ने यह भी मेंशन किया है कि इस जुर्माने से कंपनी को किसी भी तरह का वित्तीय नुकसान नहीं होगा। गूगल पर यूजर ने साल 2020 में यह मुकदमा दायर किया था, जिसमें कम से कम 5 बिलियन डॉलर जुर्माने की मांग की गई थी।
यह पहला मौका नहीं है, जब गूगल पर इस तरह का भारी जुर्माना लगाया गया है। गूगल और एप्पल जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर यूजर्स के डेटा को गलत तरीके से कलेक्ट करने और उसका इस्तेमाल पर्सनलाइज्ड ऐड भेजने और अपने फायदे के लिए करने के मामले दुनियाभर में सामने आए हैं। इन मामलों में इन टेक कंपनियों पर अलग-अलग देशों में भारी जुर्माना भी लगाए गए हैं।